सागर। शहर और कस्बों में रहवासी बस्ती के बीच खुली शराब दुकानें महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बन जाती है. इसी तरह एक शराब दुकान जिले के राहतगढ़ कस्बे के बस स्टैंड पर महिलाओं के लिए मुसीबत बन गई है. दुकान पर शराबियों की भीड़ इन महिलाओं के घर से निकलने पर फब्तियां कसते हैं और महिलाओं को किसी काम से घर से बाहर निकलना बड़ी परेशानी का सबब होता है. महिलाएं ना तो मंदिर जा पाती हैं और ना ही किसी काम से बाजार जा पाती हैं. कई दिनों से महिलाएं बस स्टैंड के पास बनी शराब दुकान को बंद करने की मांग कर रही थी, लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी मांग पर जब ध्यान नहीं दिया गया. तो शुक्रवार को महिलाएं लाठियां लेकर शराब दुकान के सामने बैठ गई. हालात ये बने कि जिला कलेक्टर ने महिलाओं से मोबाइल पर बात की लेकिन महिलाएं नहीं मानी और जब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने महिलाओं को 10 दिन में दुकान हटाने का आश्वासन दिया तब जाकर बात बनी.
शराब दुकान के सामने महिलाओं का धरना: शुक्रवार को सागर जिले की राहतगढ़ कस्बे के सामने तब हड़कंप मच गया जब हाथ में लाठियां लेकर महिलाओं ने शराब दुकान के सामने धरना दे दिया. महिलाएं शराब दुकान पर पहुंचने वाले शराबियों से काफी परेशान थी और कई दिनों से शराब दुकान को कस्बे से बाहर करने की मांग कर रही थी लेकिन उनकी मांग पर जब ध्यान नहीं दिया गया तो महिलाओं ने हाथ में लाठियां लेकर शराब दुकान के सामने पहुंच गई और दुकान के सामने धरना देने लगी. महिलाएं लंबे समय से शराब दुकान को हटाने की मांग करती आ रही थी. महिलाओं का कहना था कि शराब दुकान की वजह से हम लोग अपने घरों में कैदी जैसी जिंदगी जीने को मजबूर है. रोज-रोज शराबियों के अपशब्दों का सामना करना आम बात हो गई है. मंदिर जाओ बाजार जाओ या किसी भी काम से घर से निकलो,तो हर वक्त परेशानी का सामना करना पड़ता है.