सागर।सागर विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में वैदिक गणित की विधियों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से जानकारी दी गई और उसके महत्व के बारे में बताया. कार्यक्रम के दौरान गुरुकुल सा माहौल नजर आया. तकनीकी सत्र में वर्गमूल, घन और घनमूल की वैदिक विधियों पर मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. अनुराधा गुप्ता ने बताया कि अविष्कार की यात्रा आवश्यकता से शुरू होती है. दैनिक दिनचर्या के कामों में वर्ग की आवश्यकता को देखते हुए गणितज्ञों ने वर्ग की उत्पत्ति की.
वैदिक गणित पर चर्चा :उन्होंने बताया कि वैदिक गणित में विभिन्न संप्रत्ययों यथा द्विगुणित प्रविधि, विलोकनम प्रविधि, सामान्य प्रविधि आदि का प्रयोग करके किसी भी संख्या का वर्ग, वर्गमूल, घन एवं घनमूल आसानी से निकाला जा सकता है. मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. श्रीराम चौथाईवाले ने "महान गणितज्ञ कैपरेकर के दो सिद्धांतों की खोज" विषय पर व्याख्यान दिया. जिसमें उन्होंने वर्तमान परिपेक्ष्य में वैदिक गणित की विधियों की प्रासंगिकता को सिद्ध करते हुए विद्यार्थियों वैदिक गणित के प्रयोग के लिए प्रेरित किया.