सागर।गर्भपात के बाद रिपोर्ट में सामने आया कि महिला की गर्भ में एक नहीं, दो भ्रूण थे. जिनमें एक नर और एक मादा था. इस आधार पर महिला ने उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज किया और फिर फोरम ने यह फैसला दिया है. कैंट थाना इलाके के आम खुर्द गांव के रहने वाले सोमेश यादव की पत्नी रोशनी यादव को गर्भावस्था के दौरान इलाज के लिए लाया गया. जहां डॉ. ए नरेला ने राज डायग्नोस्टिक सेंटर से सोनोग्राफी करने की सलाह दी थी और डॉक्टर की सलाह पर 6 अप्रैल 2019 को 1 हजार रुपए फीस जमा करके रोशनी यादव ने सोनोग्राफी कराई. सोनोग्राफी की जांच रिपोर्ट डॉ. राजेंद्र जैन ने तैयार की थी. जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि रोशनी यादव के गर्भ में एक ही बच्चा पल रहा है.
गलत रिपोर्ट पर ट्रीटमेंट :इस रिपोर्ट के आधार पर डॉ. ए नरेला और सहयोगी डॉक्टर द्वारा रोशनी यादव का उपचार किया गया और दवाइयां लिखकर दीं. जिसका सेवन रोशनी यादव ने नियमित रूप से किया, लेकिन 2 दिन बाद ही रोशनी के लिए अत्यधिक पीड़ा होने लगी और 9 अप्रैल को रोशनी यादव अपने पति के साथ प्रसूतिका सेंटर पहुंची, जहां इलाज के बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया और रोशनी यादव का गर्भपात हो गया. गर्भपात के बाद सागर प्रसूतिका गृह की रिपोर्ट में बताया गया कि रोशनी यादव के गर्भ में एक नहीं दो बच्चे पल रहे थे. गलत रिपोर्ट के आधार पर रोशनी यादव के पति सोमेश यादव ने राज डायग्नोस्टिक सेंटर के खिलाफ परिवार दायर किया और करीब 4 साल बाद मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला दिया है.