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आयुष्मान योजना बढ़ा रही प्लास्टर की जगह सर्जरी का चलन, अस्थि रोग विशेषज्ञ ने किया दावा - ayushman yojana increasing surgery patient

अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ जीएस चौबे ने अस्थि रोगों के इलाज के नए चलन को लेकर एक शोध पत्र प्रस्तुत किया है, इस शोध पत्र में डॉ जीएस चौबे ने कहा है कि हड्डी टूटने के इलाज में प्लास्टर की जगह सर्जरी का चलन को आयुष्मान योजना बढ़ा रही है.

ayushman yojana increasing surgery patient
अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ जीएस चौबे

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Published : Apr 9, 2023, 8:56 AM IST

आयुष्मान योजना बढ़ा रही प्लास्टर की जगह सर्जरी का चलन

सागर।शहर के जाने-माने अस्थि रोग विशेषज्ञ और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ जीएस चौबे ने अस्थि रोगों के इलाज के नए चलन को लेकर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया है. अपने शोध पत्र में उन्होंने बताया है कि अस्थि रोग के मामलों में आधुनिक तकनीक और आयुष्मान योजना जैसी योजनाओं के कारण फ्रैक्चर और हड्डी टूटने के इलाज में प्लास्टर की जगह सर्जरी का चलन बढ़ा है, जबकि सर्जरी प्लास्टर की अपेक्षा कम कारगर है और महंगी भी पड़ती है. अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. जीएस चौबे ने देश के अलग-अलग शहरों में अस्थि रोग से संबंधित समस्या एवं उनके निदान विषय पर आयोजित अधिवेशन में शामिल होकर शोध पत्र प्रस्तुत किए. उन्होंने दावा किया है कि आधुनिक तकनीक के युग में आज भी हाथ या पैर की हड्डी टूटने का इलाज ऑपरेशन की बजाय प्लास्टर बांधने से बेहतर संभव है.

सर्जरी के चलन को दिया जा रहा बढ़ावाःअस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. जीएस चौबे ने अमृतसर, भोपाल एवं छत्तीसगढ़ के कई शहरों में अधिवेशन में शामिल होकर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए. शोधपत्र में उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक के युग में हड्डियों के ऑपरेशन ज्यादा होने लगे हैं. आधुनिक तकनीक में मरीज के समय की बचत का हवाला देकर सर्जरी की सलाह दी जा रही है. लेकिन आज भी हाथ या पैर की फैक्चर या हड्डी टूटने का इलाज प्लास्टर बांधने से सर्जरी की अपेक्षा बेहतर तरीके से संभव है. इससे मरीजों को बाद में होने वाली परेशानियों और सर्जरी से बचाया जा सकता है. डॉ चौबे ने बताया कि करीब 40-50 साल पहले सागर में सिर्फ प्लास्टर बांधकर हड्डी के फ्रैक्चर ठीक किए जाते थे, लेकिन बाद में सर्जरी के जरिए इन समस्याओं का इलाज किया जाने लगा और इसकी संख्या दिन प्रति दिन बढ़ने लगी है. इसमें निष्कर्ष निकल कर सामने आया कि मरीजों में तो प्लास्टर के प्रति रुचि बरकरार रही, लेकिन विशेषज्ञों ने बताना शुरू कर दिया कि सर्जरी से जल्दी ठीक हो जाते हैं. ऑपरेशन से मरीज ठीक तो जल्दी हो जाता है, लेकिन कई तरह की शारीरिक जटिलताएं पैदा हो जाती हैं और आर्थिक बोझ भी पड़ता है.

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आयुष्मान योजना भी एक कारणः डॉ. जीएस चौबे ने कहा कि हड्डी टूटने पर अत्याधिक ऑपरेशन होने के कारण सरकार की आयुष्मान योजना को भी एक मुख्य कारण बताया है. हालांकि यह योजना मरीजों के हित में हैं. लेकिन इसमें सुधार की आवश्यकता है. इसके लिए सरकार को विशेषज्ञ चिकित्सकों कि राज्य एवं जिला स्तर पर समिति बनाना चाहिए, जो जांच कर निर्णय करें एवं अस्पताल संचालकों को बताएं कि हाथ या पैर की हड्डी टूटने पर कब सर्जरी जरूरी है और कब मरीज को प्लास्टर बांधकर ठीक किया जा सकता है, जहां तक संभव हो सके, तो हड्डी टूटने पर मरीजों को प्लास्टर के लिए प्रेरित करें. इससे मरीजों की शारीरिक जटिलताएं कम होंगी एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग भी रुकेगा.

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