सागर। तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण घनी आवादी वाले इलाकों में व्यस्त जीवनशैली के बावजूद कुछ नागरिक दिन-रात मेहनत कर पेड़-पौधों की बच्चों की तरह देखभाल कर टैरेस गार्डन अपने घर में तैयार करते हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है. अधिकांश घरों की छतों या खाली पड़ी जगहों का उपयोग अनुपयोगी वस्तुओं, कबाड़ को रखने डंपयार्ड की तरह किया जाता है. इससे घरों में गंदगी के साथ बीमारी भी उत्पन्न होती है. प्रतियोगिता का अन्य उद्देश्य ये भी है कि नागरिक अपने घर की छत या अन्य खाली पड़े स्थलों को डंपयार्ड की तरह उपयोग की आदत छोड़ते हुए मॉडर्न गार्डन में बदल कर बहुपयोगी बनाने हेतु प्रेरित हों.
अभिनव योजना है ये :मॉडर्न गार्डन में औषधीय पौधे जैसे तुलसी, पत्थरचट्टा, अजवाइन, मीठा नीम, लेमन ग्रास, धनिया आदि सहित सुन्दर पुष्पीय पौधे जैसे गुलाब, गुड़हल, गेंदा आदि भी लगाये जा सकते हैं. इसके साथ ही जगह की उपलब्धता अनुसार गार्डन को और भी सुंदर और उपयोगी बनाने हेतु जैसे वाटर पोंड, बच्चों के लिए स्लाइडर, झूले, सिटिंग एरिया, हैंगिंग प्लांट्स सहित आर्टिफिसियल ग्रास आदि का उपयोग भी किया जा सकता है. समय की कमी के चलते दूरदराज जाने में असमर्थ व्यक्तियों के लिए कुछ समय प्रकृति के पास शांति से गुजारने और खुला वातावरण पाने के लिए टैरेस गार्डन एक अच्छा विकल्प है. इसे किचिन गार्डन के रूप में भी विकसित किया जा सकता है. मध्यम आकार के पौधों से युक्त टैरेस गार्डनों का महत्व शहर की हरियाली बढ़ाने में भी है.