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डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का हैदराबाद में इलाज शुरू, हालत स्थिर - ईसीएमओ

पिछले एक साल से सागर शहर में कोरोना मरीजों के लिए भगवान बने डॉ. सत्येंद्र मिश्रा कोरोना संक्रमित हो गए है. उनका इलाज हैदराबाद में चल रहा है. फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है.

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डॉ सत्येंद्र मिश्रा की हालत स्थिर

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Published : Apr 20, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 7:47 PM IST

सागर। कोरोना मरीजों को ठीक करने के बाद खुद संक्रमित हुए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का हैदराबाद में सोमवार से इलाज शुरू हो गया है. उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है. वहीं आज दोपहर बाद उनका फिर से चिकित्सीय परीक्षण किया जाएगा.

हैदराबाद के डॉक्टरों ने तय किया है कि चार-पांच दिनों तक उनके स्वास्थ्य पर खास तौर पर नजर रखी जायेगी. उसके बाद दोबारा सीटी स्कैन कर स्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी, तो 15 दिन बाद ईसीएमओ किया जाएगा. डॉक्टर सत्येंद्र के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी ने दुआओं की अपील की है.

डॉक्टर सत्येंद्र के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सभी ने दुआओं की अपील की है.
सोमवार को भोपाल से हैदराबाद किया गया था एअरलिफ्टपिछले एक साल से कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. सत्येंद्र मिश्रा खुद कोरोना संक्रमित हो गए. संक्रमण इतना ज्यादा बढ़ गया था कि डॉ. सत्येंद्र के फेफड़े 80 फीसदी तक संक्रमित हो गए थे. हालत बिगड़ता देख उनके साथियों ने उनके बेहतर इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई थी. विधायक और कलेक्टर की पहल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉ. सत्येंद्र मिश्रा के समुचित इलाज का खर्चा शासन द्वारा उठाए जाने का फैसला लिया. इसके बाद उन्हें सागर से ग्रीन कॉरिडोर के जरिए भोपाल पहुंचाया गया. वहीं भोपाल से एयर एंबुलेंस से हैदराबाद ले जाया गया.

डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का इलाज शुरू, एयरलिफ्ट के लिए बनाया गया 175 किमी ग्रीन कॉरिडोर

हैदराबाद के यशोदा हॉस्पिटल में डॉ. अपार जिंदल के निर्देशन में इलाज शुरू
हैदराबाद के यशोदा अस्पताल में डॉक्टर अपार जिंदल के देखरेख में डॉ. सत्येंद्र मिश्रा का इलाज शुरू हो चुका है. फिलहाल उनकी हालत स्थिर है. वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन का सेचुरेशन 91 है. आज दोपहर 3 बजे के बाद उनका फिर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. बाकी उनके सभी अंग ठीक काम कर रहे हैं. चार-पांच दिन तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जाएगी. उसके बाद दोबारा सीटी स्कैन किया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी, तो 15 दिन बाद ईसीएमओ किया जाएगा.

क्या होता है ईसीएमओ ?
ईसीएमओ (एक्स्ट्रा कॉरपोरियल मेंब्रेन ऑक्सिजनेशन) डिवाइस को जीवन रक्षक तंत्र के तौर पर जाना जाता है. यह डिवाइस शरीर को उस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई में मदद करता है, जब फेफड़े और दिल काम करना बंद कर देते हैं. इसका उपयोग तब किया जाता है, जब मरीज प्राकृतिक तरीकों से सांस नहीं ले पाता है.

डॉ. मिश्रा के साथियों ने की दुआओं की अपील
बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय में डॉक्टर सत्येंद्र मिश्रा के साथी डॉक्टरों ने उनकी बेहतरी के लिए सभी से दुआओं की अपील की है.

Last Updated : Apr 20, 2021, 7:47 PM IST

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