सागर। आमतौर पर चेक बाउंस के मामले आरोपी गंभीरता से नहीं लेते हैं, सागर जिला न्यायालय द्वारा शनिवार को पेश की गई एक नजीर से साफ हो गया है कि चेक बाउंस के मामले में भी आरोपियों बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं. दरअसल सागर के शराब कारोबारियों पर प्रशासन की 50 करोड़ से ज्यादा की देनदारी थी, इन कारोबारियों द्वारा पेश किए गए चेक बाउंस हो गए और मामले में सरकार ने कोर्ट की शरण ली. सुनवाई के दौरान शनिवार को सरकारी वकील ने कोर्ट के सामने नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे उद्योगपतियों के विदेश भाग जाने की नजीर पेश की, तो कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए आरोपियों को 20 करोड़ के मुचलके पर जमानत दी और बगैर अनुमति विदेश जाने पर रोक लगा दी. इसके साथ ही मप्र के बाहर जाने पर थाने को सूचित करने और अगली पेशी में चल-अचल संपत्ति का संपूर्ण ब्यौरा पेश करने को कहा है. चेक बाउंस जैसे मामले में कोर्ट के इस रुख के चलते शराब कारोबारियों के होश उड़ गए हैं.(Sagar District Court)
लोक अभियोजक का तर्क पर पड़ा भारी:शनिवार को चेक बाउंस मामले में हो रही सुनवाई के दौरान सागर जिला न्यायालय में लोक अभियोजक रामअवतार तिवारी ने जब जिरह शुरू की, तो उन्होंने कोर्ट के सामने नीरव मोदी और विजय माल्या का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि दोनों आरोपी देश का पैसा खाकर विदेश भाग गए हैं. इस मामले के आरोपियों के ऊपर भी 50 करोड़ से ज्यादा की देनदारी है, ऐसी स्थिति में आरोपियों को बगैर शर्ते जमानत नहीं दिया जाना चाहिए. मामले की सुनवाई प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आयुषी उपाध्याय के कोर्ट में चल रही थी, सरकारी वकील के तर्क को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और अभियुक्त टीकाराम कोरी, सतीश साहू और प्रदीप केशरवानी को 5-5 करोड़ रुपए के दो समक्ष जमानतदार व 10-10 करोड़ रुपए का निजी मुचलका जमा करने सहित जमानत पर कड़ी शर्तें लागू कर दी. (Sagar Cheque Bounce Case)
बगैर अनुमति विदेश जाने पर रोक, सौंपना होगा तमाम संपत्ति का ब्यौरा:इतना ही नहीं न्यायालय ने आरोपियों पर जमानत के बावजूद भी कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, कोर्ट ने आरोपियों को निर्देश दिए हैं कि मामले की अगली सुनवाई में वो अपनी चल अचल संपत्ति का ब्यौरा पेश करें. इसके अलावा मध्यपदेश के बाहर जाना चाहते हैं, तो अपने संबंधित थाना को सूचित करें और विदेश जाने के पहले कोर्ट की अनुमति लें. इन शर्तों के साथ कोर्ट ने आरोपियों के पासपोर्ट, रजिस्टर्ड निवास की जानकारी का ब्यौरा शपथ पत्र के साथ जमा करने को कहा है. आरोपियों से कहा गया है कि अगर वह सुनवाई में मौजूद नहीं रहेंगे, तो भी मामले की सुनवाई जारी रहेगी. इस आधार पर आरोपियों को स्टे नहीं मिल सकता कि सुनवाई उनकी मौजूदगी में हो.(Sagar liquor traders on bail bond of 20 crores)