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Sagar Municipal Council : सागर नगर निगम परिषद में अध्यक्ष के लिए घमासान, महिला पार्षद की संख्या ज्यादा, पिंक काउंसिल की मांग

सागर में नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद नगर निगम परिषद के गठन को लेकर घमासान शुरू हो गया है. सागर नगर निगम में भाजपा ने महापौर पद और 48 में से 40 से ज्यादा पार्षद पदों पर जीत हासिल की है. नगर निगम अध्यक्ष पद पर बीजेपी पार्षद का बैठना तय हो गया है. ऐसे में बीजेपी के पार्षदों ने अपनी दावेदारी शुरू कर दी है. खासकर जातीय समीकरणों के आधार पर जीते हुए पार्षद दावा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ परिषद में महिलाओं की संख्या ज्यादा होने के कारण पिंक काउंसिल के गठन की मांग की जा रही है. (Race for chairman in Sagar Municipal Council) (More number of female councilors) (Demand for Pink Council)

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Published : Jul 26, 2022, 8:07 PM IST

Race for chairman in Sagar Municipal Council
सागर नगर निगम परिषद में अध्यक्ष के लिए घमासान

सागर। सागर नगर निगम में एक बार एल्डरमैन और दूसरी बार पार्षद का चुनाव जीतीं याकृति जड़िया ने संगठन के सामने नगर निगम परिषद चुनाव को लेकर बड़ी मांग रखी है. याकृति जड़िया का तर्क है कि सागर नगर निगम के 48 वार्डों में से 28 वार्डों पर महिलाएं जीत कर आई हैं. नगर निगम की महापौर महिला है, जो कि सामान्य वर्ग से आती हैं. पार्षद चुनाव में सबसे ज्यादा ओबीसी वर्ग के पार्षद चुने गए हैं. इसलिए नगर निगम की परिषद के अध्यक्ष के लिए ओबीसी महिला को मौका दिया जाएगा तो महिला सशक्तिकरण का संदेश जाएगा. गौरतलब है कि याकृति जड़िया खुद ओबीसी वर्ग से आती हैं और दूसरी बार पार्षद पद का चुनाव जीती हैं.

सागर नगर निगम परिषद में अध्यक्ष के लिए घमासान
ओबीसी पार्षद का दावा भी मजबूत :सागर नगर निगम में बाघराज वार्ड से करीब 2000 मतों से सबसे बड़ी जीत हासिल करने वाले राजकुमार पटेल का भी दावा मजबूत माना जा रहा है. मुख्य तौर पर राजकुमार पटेल कुशवाहा समाज से आते हैं और सागर में बड़े पैमाने पर कुशवाहा समाज है.ओबीसी वर्ग के साथ-साथ सबसे बड़ी जीत हासिल करने और जातीय समीकरण साधने के हिसाब से राजकुमार पटेल का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है.
सागर नगर निगम परिषद में अध्यक्ष के लिए घमासान
ओबीसी वर्ग के और भी हैं दावेदार : वहीं दूसरी तरफ ओबीसी वर्ग के दूसरे नेता भी नगर निगम परिषद के अध्यक्ष पद पर दावेदारी जता रहे हैं. कृष्णगंज वार्ड से चुनाव जीते अनुप उर्मिल दो बार पार्षद रहने के अलावा भाजपा संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं और मंडल अध्यक्ष भी रहे हैं. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के करीबी खनिज निगम के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर के नजदीकी हैं. वहीं दूसरी तरफ शिवाजी नगर वार्ड से चुनाव जीते हेमंत यादव का दावा भी काफी मजबूत माना जा रहा है. सागर शहर में यादवों की संख्या काफी ज्यादा है और हेमंत यादव अपने वार्ड के काफी लोकप्रिय पार्षद हैं. लगातार दो बार पार्षद का चुनाव जीते हैं और जनता के बीच में गहरी पकड़ है. इसके अलावा ओबीसी वर्ग से शैलेंद्र ठाकुर का दावा भी मजबूत माना जा रहा है. शैलेंद्र ठाकुर मूलतः भाजपा संगठन में काम करने वाले व्यक्ति हैं. लंबे समय तक सागर संभाग की मीडिया का दायित्व संभालते रहे हैं.
सागर नगर निगम परिषद में अध्यक्ष के लिए घमासान

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अनुसूचित जाति वर्ग का भी दावा मजबूत :ब्राह्मण और जैन समुदाय के बीच फंसे सागर नगर निगम के चुनाव में अनुसूचित जाति के मतदाता किंग मेकर बनकर उभरे हैं. महापौर चुनाव में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने में अनुसूचित जाति ने अहम भूमिका निभाई है. ऐसी स्थिति में अनुसूचित जाति के पार्षद भी अध्यक्ष पद पर दावा कर रहे हैं और भाजपा पार्षद वृंदावन अहिरवार का दावा काफी मजबूत माना जा रहा है. सुभाषनगर वार्ड से करीब 500 मतों से चुनाव जीते वृंदावन अहिरवार तीसरा चुनाव जीते हैं. (Race for chairman in Sagar Municipal Council) (More number of female councilors) (Demand for Pink Council)

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