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पोल कैश मामले में बीजेपी में शामिल हुए नेताओं के नाम आने पर बोले मंत्री भूपेन्द्र सिंह,'दोषियों पर होगी कार्रवाई '

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Published : Dec 21, 2020, 4:47 PM IST

पोल कैश मामले कई ऐसे नाम सामने आए है, जो पहले कांग्रेस में थे, लेकिन अब वह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद क्या इन लोगों पर भी कार्रवाई हो गई? इस सवाल पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि चुनाव आयोग के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट और दिशा निर्देशों के आधार पर सभी दोषियों पर कार्रवाई होगी.

Bhupendra singh
भूपेन्द्र सिंह

सागर। 2019 लोकसभा चुनाव के वक्त आयकर छापों में बरामद दस्तावेजों में सामने आए नामों में बहुत से ऐसे भी नाम है जो पहले कांग्रेस में थे, लेकिन अब वह बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. क्या ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की गाज गिरेगी?. इस सवाल पर भूपेन्द्र सिंह ने स्पष्ट किया की चुनाव आयोग के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट और दिशा निर्देशों के आधार पर सभी दोषियों पर कार्रवाई होगी.

मंत्री भूपेन्द्र सिंह का बयान

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि 2019 लोकसभा चुनाव के वक्त आयकर विभाग के छापे में करीब 14 सौ करोड़ के लेन देन की बात सामने आई है. जिन कंपनियों अधिकारियों से लेनदेन हुआ उनकी सारी एक्सेल शीट आयकर विभाग के पास है और चुंकि पूरा मामला चुनाव से जुड़ा है. इसलिए फिलहाल यह राज्य सरकार के अधीन है, लेकिन यह तय है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. मामले में चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार एफआईआर भी की जाएगी. राज्य सरकार इस मामले में विस्तृत जांच करवाएगी और दोषियों पर निश्चित ही कार्रवाई होगी.

पढ़ें: पोल कैश मामला : आज देर शाम EOW दर्ज कर सकती है FIR, सबसे पहले 3 IPS अधिकारियों से होगी पूछताछ

क्या है मामला?
साल 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने भोपाल समेत 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़ आरके मिगलानी और भांजे रतुल पुरी समेत कारोबारी अश्विनी शर्मा शामिल थे. इन 52 ठिकानों से आयकर विभाग की टीम ने कई दस्तावेज और फाइलें जब्त की थी जिनकी बारीकी से जांच कर सीबीडीटी ने चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट भेजी है और इस रिपोर्ट के आधार पर पोल कैश मामले में एफ आई आर दर्ज कर जांच करने की बात कही है.

आयकर विभाग ने 14 करोड रुपए की बेहिसाब नकदी, डायरियां, कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थीं. इन्ही दस्तावेजों में करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब दर्ज था. दस्तावेजों में यह प्रमाण भी मिला कि 20 करोड़ रुपये की राशि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजी गई. इन छापों में कुल 281 करोड़ रुपए के लेनदेन का पुख्ता प्रमाण आयकर विभाग को मिला है. यह रुपए अलग-अलग कारोबारी नौकरशाहों और राजनीतिज्ञों से एकत्र किया गया था और हवाला के जरिए दिल्ली तुगलक रोड स्थित राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय भेजा गया.

मामले में कांग्रेस व अन्य के नाम

अजय सिंह, कंप्यूटर बाबा, शाद अहमदाबाद, योगेश राठौर, रणदीप सुरजेवाला, दिग्विजय सिंह, अभिषेक मिश्रा, फुंदेलाल मार्को, विजय राघवेंद्र सिंह, ओमकार सिंह मरकाम, नारायण पट्‌टा, योगेंद्र बाबा, डॉ. असोक मर्सकोले, अर्जुन काकोदिया, संजय उइके, ब्रह्मा भलावी, भूपेंद्र मरावी, सज्जन सिंह, बाबू जंडेल, बैजनाथ कुशवाहा, प्रवीण पाठक, घनश्याम सिंह, गोपाल सिंह चौहान, तनवर लोधी, नीरज दीक्षित, विक्रम सिंह नातीराजा, शिवदयाल बागरी, सिद्धार्थ कुशवाहा, संजय यादव, शशांक भार्गव, आरिफ मसूद, गोवर्धन सिंह दांगी, बापू सिंह तोमर, महेश परमार, राजेश कुमार (सपा), राणा विक्रम सिंह, देवेंद्र पटेल, रामलाल मालवीय, मुरली मोरवाल, झूमा सोलंकी, सचिन बिड़ला, रवि रमेशचंद्र जोशी, केदार चिड़ाभाई डावर, ग्यारसीलाल रावत, चंद्रभागा किराड़े, मुकेश रावत पटेल, कलावती भूरिया, वीरसिंह भूरिया, वाल सिंह मेढ़ा, प्रताप ग्रेवाल, पांचीलाल मेढ़ा, हर्ष विजय सिंह गेहलोत, आरकेएम, मीनाक्षी नटराजन, कमल मरावी, प्रमिला सिंह, मधु भगत, देवाशीष जरारिया, शशि कर्णावत, शैलेंद्र सिंह दीवान, कविता नातीराजा, मुकेश श्रीवास्तव, ब्रजेश पटेल, बिरला लोधा आदि.

सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश कैडर के 3 IPS और 1 राज्य पुलिस सेवा अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं. जिन पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान काला धन ले जाने के आरोप लगे थे. आईपीएस अधिकारी सुशोभन बनर्जी, संजय माने और वीमधु कुमार इसमें शामिल हैं. वहीं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा पर भी आरोप लगे हैं और उन पर भी मामला दर्ज होगा.

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