सागर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना स्मार्ट सिटी सागर जैसे शहर के लिए वरदान बनती नजर आ रही है, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सागर में बुनियादी सुविधाएं, नागरिक सुविधाएं और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर काम किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने सागर शहर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है.
क्रिकेट के लिए तैयार किया जा रहा ग्राउंड
स्मार्ट सिटी सागर में स्थित संभागीय स्तर की खेल परिसर में हॉकी के लिए एस्ट्रोटर्फ, अंतरराष्ट्रीय स्तर का 8 लेन का सिंथेटिक रनिंग ट्रेक भी तैयार किया जा रहा है, इसके अलावा सिटी स्टेडियम में क्रिकेट का रणजी और राष्ट्रीय स्तर के मैच के मैदान तैयार किया जा रहा है, खिलाड़ियों को चोट लगने पर उनके इलाज के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर, क्रिकेट के अभ्यास के लिए बॉलिंग थ्रो मशीन और वीडियो एनालिटिकल हॉल की भी व्यवस्था की जा रही है.
वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी हो गए मुरीद
खास बात ये है कि स्मार्ट सिटी ने पूरे शहर के हर वार्ड में एक सर्वे कराया है, जिसमें हर वार्ड की युवाओं की मांग के अनुसार प्ले ग्राउंड तैयार कर सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, स्मार्ट सिटी की पहल पर वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ी भी मुरीद हो गए हैं.
सर्वे के बाद तैयार की गई योजना
सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ राहुल सिंह ने बताया कि सागर शहर में खेलों के लिए अनुकूल माहौल बनाने और बच्चों में शारीरिक गतिविधियों और खेलो के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए शहर को स्पोर्ट्स हब के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है, इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए विशेषज्ञों की टीम से शहर में रिसर्च और सर्वे कराया गया और वार्ड स्तर पर फीडबैक लिया गया.
बीसीसीआई के ए लेवल कोच राकेश राय और बायोमैट्रिक्स विशेषज्ञ प्रकाश रावत ने पूरे शहर में सर्वे और रिसर्च के लिए कई तरह की तकनीक अपनाई, यहां के लोगों से 12 तरीके से ड्रिल कराई गई और पता लगाया गया कि यहां के लोग की शारीरिक क्षमताएं क्या हैं, उनका शरीर किस तरह के खेल के लिए अनुकूल है. इसके बाद विशेषज्ञों द्वारा सुझाव दिए गए कि शहर कि लोगों की क्षमताओं के अनुसार किस तरह की खेल सुविधाओं की जरूरत है।ताकि इधर से भी खेल प्रतिभाएं निकल सके.
सर्वे टीम ने शहर के सभी वार्डों में घूमकर बच्चों से बातचीत की और खेल में उनकी रुचि और जरूरतों के बारे में जाना.
सर्वे टीम ने शहर के खिलाड़ियों से बातचीत की और समझा कि उन्हें किस तरह की सुविधाओं की जरूरत है, खेल मैदान किस स्तर के हैं और उन्हें किस स्तर की कोचिंग मिलती है.
सर्वे टीम ने हर वार्ड में घूम कर यह जानने की कोशिश की है कि किस वार्ड के बच्चे और युवा किस तरह के खेलों में रुचि रखते हैं.
सर्वे टीम ने कमर्शियल एंगल से भी जानकारी जुटाई कि कैसे एक खेल के जरिए, यहां के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, किस तरह के टूर्नामेंट का आयोजन किया जा सकता है.
रिसर्च टीम ने पाया कि बहुत से बच्चे खेल मैदानों और खेलों से दूर होते जा रहे हैं, इससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है, बालों में बनने वाले प्रोग्राम में इन चीजों का ध्यान रखा जा रहा है कि बच्चे मोबाइल और दूसरी गतिविधियों से दूर रह के खेलों की तरफ आकर्षित हो, ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास भी हो सके.