सागर।सरकार पर लग रहे कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने के आरोप कई मामलों में सही साबित होते हुए नजर आ रहे हैं. ताजा मामला सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज का है जहां बिना रिपोर्ट लिए ही एक व्यक्ति का इलाज कोविड वार्ड में किया जा रहा था. जब मरीज की मौत हो गई तो उसके बाद आई उसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई. मौत के बाद कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने पर मरीज का शव उसके परिजनों को सौंपा गया,जबकि परिजनों का कहना है कि 9 अप्रैल को हुई जांच की रिपोर्ट मरीज की मौत होने तक नहीं आई थी, लेकिन उनका इलाज कोरोना वार्ड में किया जा रहा था. मौत के बाद आई जांच रिपोर्ट में संबंधित व्यक्ति नेगेटिव आया है. मरीज के परिजनों का आरोप है कि कोरोना से होने वाली मौत को छिपाया जा रहा है.
- क्या है मामला
सागर के चकरा घाट में रहने वाले 55 साल के महेश सोनी को कोरोना के लक्षणों के चलते 6 अप्रैल को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया था. लेकिन 7 अप्रैल को बीएमसी में ऑक्सीजन खत्म हो जाने के कारण उनकी रिपोर्ट पेंडिंग बताकर उन्हें जिला चिकित्सालय भेज दिया गया था. यहां 9 अप्रैल को महेश का सीटी स्कैन हुआ और फेफड़ों में इन्फेक्शन पाया गया. इसके बाद उन्हें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया गया. 9 अप्रैल को ही उनकी कोरोना जांच कराई गई और इलाज शुरू कर दिया गया लेकिन कोरोना जांच की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है.
13 अप्रैल को आया हॉस्पिटल से फोन