सागर। जिला प्रशासन की लापरवाही का इससे बड़ा नमूना नहीं हो सकता कि जिला प्रशासन ने समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी में गड़बड़ी तो पकड़ ली और गड़बड़ी करने वालों पर एफआईआर भी दर्ज करा दी. लेकिन जिन केंद्रों पर गड़बड़ी पकड़ी, उन केंद्रों का हजारों क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया गया. जबकि हाल में प्रदेश में मौसम में काफी बदलाव आया है, ऐसे में अगर ये धान भींग जाते हैं तो बड़ा नुकसान होगा.
धान तो जब्त की लेकिन रखाव की व्यवस्था नहीं धान खरीदी में हुई थी गड़बड़ी
दरअसल 15 जनवरी तक प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हुई थी और जिले में कई जगह धान खरीदी केंद्र बनाए गए थे. इस दौरान खुलासा हुआ कि सागर के दो धान खरीदी केंद्रों ढाना और बम्होरी बन्नाद पर बड़े पैमाने पर खरीदी की जा रही है, जबकि उन इलाकों में इतना धान का उत्पादन हो नहीं सकता है. जब कलेक्टर ने जांच कराई गई,तो सामने आया कि केंद्रों पर जितने धान खरीदे नहीं गए, उससे अधिक पोर्टल पर चढ़ा दिये गये.
खुले में पड़ा धान बर्बाद हो रहा है केंद्र प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर पर FIR सागर के साईं खेड़ा स्थित वेयरहाउस में ढाना का धान खरीदी केंद्र बनाया गया था. जांच में सामने आया कि ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज धान केंद्र पर मौजूद ही नहीं हैं. केंद्र पर 4799 क्विंटल धान रिकॉर्ड में दर्ज धान से कम मिला. इसके अलावे ऑनलाइन रिकॉर्ड में किसानों के धान बेचे जाने के बगैर ही रिकॉर्ड चढ़ा दिए गए. मामले में जिला आपूर्ति विभाग द्वारा ढाना उपार्जन केंद्र के प्रभारी सूर्यकांत दुबे और कंप्यूटर ऑपरेटर गौरव चौबे के खिलाफ सानौधा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है, दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है. धान तो जब्त की लेकिन रखाव की व्यवस्था नहीं बमोरी बन्नाद धान खरीदी केंद्र में भी धोखाधड़ी इसके अलावा साईं खेड़ा स्थित बम्होरी बन्नाद धान खरीदी केंद्र पर भी ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां पर ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज खरीदी गई धान से 2223 क्विंटल धान कम पाई गई है. यहां भी किसानों के उपज बेचे बिना रिकॉर्ड में दर्ज कर ली गई. इस मामले में केंद्र प्रभारी खेत सिंह एवं कंप्यूटर ऑपरेटर लखन पटेल के विरुद्ध अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है.
धान तो जब्त की लेकिन रखाव की व्यवस्था नहीं
धान खरीदी में गड़बड़ी पकड़े जाने पर जिला प्रशासन और खाद्य विभाग ने जमकर अपनी पीठ थपथपाई. लेकिन लापरवाही का नमूना देखिए कि जिन केंद्रों की धान खरीदी में गड़बड़ी पाई गई है, उन केंद्रों की धान प्रकरण सामने आने के 15 दिनों बाद भी धान खुले आसमान के नीचे पड़े है और बर्बाद हो रहे हैं. इस मामले में घोटाले को उजागर करने वाले खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को करोड़ों की धान की बिल्कुल चिंता नहीं है. वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन ने खड़े किए हाथ साईं खेड़ा स्थित वेयर हाउस कॉरपोरेशन के वेयर हाउस में धान खुले में पड़े हैं, जब इस मामले में वेयर हाउस के प्रबंधक एसके विसारिया से पूछा तो उन्होंने बताया कि इन दोनों केंद्रों में गड़बड़ी पाई गई थी और 15 दिन बीत चुके हैं. इस मामले में जिला प्रशासन ने या खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने अभी तक धान के उठाव की कोई व्यवस्था नहीं की है. वेयर हाउस में खुले आसमान के नीचे धान पड़ा होने के मामले में हम दो बार पत्र लिखकर अवगत करा चुके हैं कि खुले में पड़ा धान बर्बाद हो रहा है.
'संबंधित विभाग है जिम्मेदार'
वहीं पूरे मामले में सानौधा थाना प्रभारी अनुपमा शर्मा ने बताया कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के प्रतिवेदन पर थाने में दो खरीदी केंद्र में गड़बड़ियों पर 4 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. जहां तक जब्त माल और धान के रख-रखाव की बात है, तो वह संबंधित विभाग की जिम्मेदारी है. इस मामले में हमारे द्वारा न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया है. (Paddy lying in warehouse) (Sagar district administration)