सागर।पिछले दिनों जल्द ही टाइगर रिजर्व में तब्दील होने जा रहे नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य में दो बाघों की टेरिटोरियल फाइट के चलते नौरादेही में बाघों का कुनबा बढ़ाने वाले बाघ किशन की मौत हो गयी थी. एन-2 के नाम से जाने जाने वाले बाघ किशन की मौत का जिम्मेदार बाघ एन-3 था, क्योंकि इन दोनों के बीच ही टेरिटोरियल फाइट हुई थी. एन-2 और एन-3 की फाइट में एन-2 गंभीर रूप से घायल हो जाने के बाद इलाज के दौरान मर गया था. एन-2 की मौत के बाद बाघ एन-3 को लेकर तरह-तरह की बातें और अफवाहें सुनने मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ एन-3 बाघ काॅलर आईडी नहीं पहने हुए है. इसलिए प्रबंधन उसकी सटीक जानकारी नहीं दे पा रहा है. हालांकि प्रबंधन का दावा है कि बाघ सुरक्षित है और गश्ती दल के लिए बाघ किशन की टेरिटरी के पास चहलकदमी करते नजर आया है.
एन-2 की मौत के बाद एन-3 को लेकर तरह-तरह की बातें: एन-2 बाघ यानि किशन की मौत एन-3 बाघ से हुई टेरिटोरियल फाइट के कारण हो गयी थी. एन-2 की मौत के बाद एन-3 बाघ को लेकर तरह-तरह की बातें सुनने मिल रही है. कोई कह रहा है कि बाघ एन-3 भी घायल है और काॅलर आईडी नहीं पहने है. इसलिए नौरादेही अभ्यारण्य प्रबंधन उसका पता नहीं लगा पा रहा है. बाते ये भी सुनने को मिल रही है कि सिंगपुर रेंज में रहने वाला बाघ एन-3, एन-2 बाघ की टेरिटरी नौरादेही रेंज में कब्जा करना चाहता था. इसी को लेकर दोनों में टेरिटोरियल फाइट हुई थी, तो एन-2 की मौत के बाद बाघ एन-3 ने नौरादेही रेंज की बाघ एन-2 की टेरिटरी पर कब्जा कर लिया है. पिछले शनिवार को एन-2 को नौरादेही रेंज के पास चहलकदमी करते हुए देखा गया था. एक चर्चा ये भी सुनने मिल रही है कि बाघ एन-3 नौरादेही का बाघ नहीं है. बल्कि वह कहीं बाहर से आया था और मेहमान है, इसलिए उसको आज तक काॅलर आईडी नहीं पहनायी जा सकी है. वह नौरादेही छोडकर अपने इलाके में वापस चला गया है. हालांकि अभ्यारण्य प्रबंधन लगातार दावा कर रहा है कि एन-3 नौरादेही में ही है और सुरक्षित है.