सागर।मुस्लिम धर्म की मान्यता के मुताबिक चांद दिखने के बाद शनिवार से पाक-ए-माह रमजान शुरू होने जा रहा है. रमजान में समाज के लोग बड़ी संख्या में मस्जिदों में खुदा की इबादत के लिए जमा होते हैं, लेकिन इस बार कोरोना संकट और लॉकडाउन का पालन करने के लिए मस्जिदों के दरवाजे बंद रहेंगे और रोजेदारों को घर में ही रहकर खुदा की इबादत करेंगे. मस्जिद में सिर्फ चार या पांच लोग ही दाखिल होकर नमाज अदा करेंगे.
मुस्लिम धर्मगुरुओं की अपील, रमजान के दौरान घरों में ही अदा करें नमाज
रमजान शुरू होने के पहले ही सागर के इमाम ने सभी मुस्लिमों से घरों में रहकर ही नमाज अदा करने की अपील की. उन्होंने सबसे मस्जिद न जाने की अपील की है.
शहर इमाम, मुफ्ती और मौलानाओं ने मुस्लिम समाज को संदेश दिया है कि रमजान के महीने में भी देशहित को ध्यान में रखते हुए धर्म का पालन करें. अभी तक जैसे घरों में नमाज पढ़ते आए हैं, वैसे ही रमजान के पवित्र महीने में घरों में रहकर ही नमाज अदा करें. रमजान की पवित्रता में विशेष तरावीह की नमाज पढ़ने को लेकर भी समाज में राय मशविरा हो चुका है. जिसमें ये फैसला लिया गया है कि ये विशेष नमाज भी लोग घरों में रहकर ही अदा करें, मस्जिदों में आने की जरूरत नहीं है.
मुतिउर्रहमान शहर इमाम ने कहा कि ये बात सही है कि आपातकाल और संकट के समय सभी धर्मों के नियमों का विशेष महत्व है. ये नियम धर्मावलंबियों को आराम से धर्म के पालन में कोई अड़चन नहीं डालते. इसलिए बंद पड़े मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरूद्वारे इसी बात की गवाही दे रहे हैं कि धर्म को ठीक तरह से अंगीकार तो करो. हर धर्म आपको हर हाल में खुश रखेगा और यही इस्लाम भी कहता है.