Surkhi Assembly Seat। सुरखी विधानसभा सागर की एक ऐसी विधानसभा है जो छोटे-छोटे चार कस्बों को मिलाकर बनी है. सुरखी, बिलहरा, जैसीनगर और राहतगढ़ कस्बे प्रमुख हैं. इस विधानसभा में सबसे बड़ा कस्बा राहतगढ़ है, जो सागर-भोपाल मार्ग पर बसा हुआ है. जहां का ऐतिहासिक किला और बीना नदीं पर बाबा विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर स्थित है. यहां बीना नदी पर बरसात के मौसम में बनने वाला जलप्रपात आकर्षण का केंद्र होता है. जहां पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. यहां से भाजपा की ओर से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत प्रत्याशी है, वहीं कांग्रेस से नीरज शर्मा मैदान में हैं.
सुरखी विधानसभा का परिचय:नेशनल हाइवे 44 पर स्थित सुरखी नवनिर्मित नगर परिषद है. सुरखी विधानसभा की बात करें तो यह राहतगढ़, बिलहरा, जैसीनगर और सुरखी जैसे कस्बों को मिलाकर बनी है. वैसे इस विधानसभा में ज्यादातर बाहरी प्रत्याशियों का दबदबा रहा है. स्थानीय प्रत्याशी यहां कम ही चुनाव जीत पाए और ज्यादातर बाहरी प्रत्याशियों का यहां दबदबा रहा है.
विधानसभा चुनाव का इतिहास:सुरखी विधानसभा की बात करें तो फिलहाल यह काफी चर्चित विधानसभा है. यहां से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद सिंह राजपूत विधायक हैं और शिवराज सरकार में राजस्व एवं परिवहन मंत्री हैं. गोविंद सिंह राजपूत 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन सिंधिया की बगावत के बाद 2020 में भाजपा में शामिल हो गए और फिर उपचुनाव जीतकर मंत्री है.
विधानसभा चुनाव 2008:विधानसभा चुनाव 2008 की बात करें तो सुरखी विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर गोविंद सिंह राजपूत ने भाजपा के प्रत्याशी राजेन्द्र सिंह मोकलपुर को हराया था. गोविंद सिंह राजपूत को 54 हजार 995 वोट मिले थे. वहीं भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र सिंह मोकलपुर को 42 हजार 528 वोट मिले थे. इस तरह 12 हजार 468 मतों से गोविंद सिंह राजपूत चुनाव जीत गए.
विधानसभा चुनाव 2013:गोविंद सिंह राजपूत को हराने के लिए भाजपा ने 2013 में कांग्रेस नेता रहे संतोष साहू की बेटी पारूल साहू को कांग्रेस से भाजपा में लाकर गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ चुनाव लड़ाया. इस चुनाव में कांटे की टक्कर में गोविंद सिंह राजपूत महज 141 वोट से चुनाव हार गए. पारूल साहू को जहां 59 हजार 513 वोट मिले, तो गोविंद सिंह राजपूत को 59 हजार 372 वोट मिले. इस तरह भाजपा की पारूल साहू 141 वोटों से चुनाव जीत गयी.