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MP Seat Scan Khurai: शरबती गेहूं के लिए फेमस खुरई, यहां भाजपा के गढ़ को भेदना नहीं आसान, प्रत्याशी चयन में ही कड़ी मशक्कत - शरबती गेहूं के लिए फेमस खुरई

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है. 17 नवंबर को एक चरण में एमपी में मतदान होगा. वहीं चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको प्रदेश की 230 सीटों का विश्लेषण बता रहा है. इसी क्रम में आज हम आपको सागर जिले की खुरई विधानसभा के बारे में बताएंगे. यह क्षेत्र वैसे तो शरबती गेहूं के लिए मशहूर है, लेकिन सियासी समीकरण की बात करें तो यहां ज्यादातर बीजेपी का कब्जा रहा है.

MP Seat Scan Khurai
एमपी सीट स्कैन खुरई

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 9, 2023, 3:26 PM IST

सागर।खुरई विधानसभा की बात करें तो अपने शरबती गेंहू के लिए खुरई पूरे देश और विदेश में भी मशहूर है. कृषि यंत्र उपकरण के लिए भी खुरई का नाम दूर-दूर तक मशहूर है. खुरई विधानसभा के इतिहास की बात करें तो खुरई में दांगी राजाओं का शासन रहा है. यहां पर राजा खेमचंद्र दांगी ने 1707 में किला बनवाया. 1752 में पेशवाओं का खुरई किले पर कब्जा हुआ और मराठा शासक गोविंद पंत ने डोहेला बनवाया. 1861 में अंग्रेजों ने खुरई को तहसील का दर्जा देकर सागर जिले में शामिल किया. 1893 में खुरई नगर पालिका गठित की गयी. खुरई कृषि उपज मंडी मध्यप्रदेश की पुरानी मंडियों में शामिल है, जिसकी स्थापना 1893 में ही हुई.

खुरई विधानसभा का इतिहास:सागर जिले की ब्रिटिश काल में सिर्फ चार तहसीलें थी. जिनमें सागर, बंडा, रहली और खुरई शामिल थी. खुरई विधानसभा में खुरई, मालथौन, बांदरी तीन तहसील मुख्यालय शामिल है. खुरई विधानसभा 2008 तक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, लेकिन 2008 के परिसीमन के बाद खुरई विधानसभा अनारक्षित हो गयी.

खुरई का चुनावी इतिहास: खुरई विधानसभा की बात करें तो ये विधानसभा एक तरह से बीजेपी का गढ़ बन चुकी है. यहां 2008 चुनाव को छोड़कर 1990 से लेकर अब तक भाजपा का दबदबा देखने को मिला है. 2008 में यहां कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी. इसके अलावा यहां पर ज्यादातर भाजपा का कब्जा रहा है.

विधानसभा चुनाव 2008:विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस के अरुणोदय चौबे ने भाजपा के भूपेन्द्र सिंह को हराकर जीत हासिल की थी. 2008 चुनाव में कांग्रेस के अरुणोदय चौबे को 45 हजार 777 वोट मिले थे. वहीं भाजपा के 28 हजार 460 मत मिले थे. इस तरह भूपेन्द्र सिंह कांग्रेस के अरुणोदय चौबे से 17 हजार 317 वोटों से हार गए थे.

खुरई सीट का रिपोर्ट कार्ड

विधानसभा चुनाव 2013: विधानसभा चुनाव में एक बार भूपेन्द्र सिंह और अरुणोदय चौबे आमने सामने थे, लेकिन इस बार मोदी लहर के बीच भाजपा के भूपेन्द्र सिंह को 62 हजार 127 वोट मिले और अरुणोदय चौबे को 56 हजार 43 वोट मिले. इस तरह भूपेन्द्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी अरुणोदय चौबे से 6 हजार 84 मतों से जीतने में कामयाब रहे.

विधानसभा चुनाव 2018:विधानसभा चुनाव 2018 में एक बार फिर चिर परिचित प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने दिखे. भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के बीच भाजपा प्रत्याशी भूपेन्द्र सिंह ने 78 हजार 156 वोट हासिल किए. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अरुणोदय चौबे को 62 हजार 861 वोट मिले. इस तरह भूपेन्द्र सिंह 15 हजार 295 मतों से चुनाव जीत गए.

खुरई विधानसभा जातीय समीकरण: खुरई विधानसभा के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां पर करीब 55 हजार वोटर अनुसूचित जाति से आते हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, राजपूत, दांगी और यादव भी शामिल हैं. यहां जैन, यादव और दांगी ठाकुर के अलावा एससी वर्ग के मतदाता प्रत्याशी की हार जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

साल 2018 का रिजल्ट

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

चुनावी मुद्दे: जहां तक यहां के चुनावी मुद्दे की बात करें तो विपक्षी दल हमेशा यहां बढ़ते अपराध, गुंडागर्दी और राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाती रही है. देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपने शरबती गेंहू का लोहा मनवाने वाला किसान खाद, बीज और दूसरी समस्याओं से परेशान है. लागत के मुकाबले आमदनी नहीं हो रही है. खुरई कस्बे में रोजगार के लिए लोग पलायन को मजबूर हैं.

खुरई सीट के मतदाता

टिकिट के दावेदार: भाजपा से नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह का टिकट तय है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से इस्तीफा देकर घर बैठ गए अरुणोदय का नाम फिर चुनाव लड़ने के लिए जोर पकड़ रहा है. वहीं बुंदेल सिंह बुंदेला के अलावा और प्रभुसिंह ठाकुर का नाम सुर्खियों में है.

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