सागर।नगर निगम सागर की साधारण सभा की बैठक में एक बार फिर टाटा कंपनी द्वारा डाली जा रही पेयजल पाइप लाइन और सीवरेज के मुद्दे पर सत्ताधारी दल भाजपा के पार्षद विपक्ष की भूमिका में नजर आए. बैठक में अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने शहर की पाइप लाइनों के लीकेज का मामला उठाया तो एमआईसी सदस्य शैलेष केशरवानी, मेघा दुबे, धर्मेंद्र खटीक, याकृति जडिय़ा सहित ज्यादातर भाजपा पार्षदों ने अपने वार्डों की समस्या उठाई. इस मुद्दे पर ई ई विजय दुबे ने जबाब दिया तो जबाव से परिषद संतुष्ट नहीं हुई.
पूरी रिपोर्ट महापौर को पेश करें :इसके बाद हंगामा बढ़ता देखकर निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने जलप्रदाय विभाग को 8 दिन के अंदर शहर की लाइनों के लीकेज के मामले में कार्रवाई कर पूरी रिपोर्ट महापौर को पेश करने कहा. इस दौरान निगम अध्यक्ष ने जलप्रदाय विभाग के प्रभारी और अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा कि अधिकांश कर्मचारी टाइम पास नौकरी कर रहे हैं. अमृत-2 योजना के अंतर्गत पेयजल, सीवरेज के कार्यों की समीक्षा के दौरान कंपनी के एमएल तिवारी ने बताया कि शहर मे 325 किमी की लाइन में से अब तक 290 किमी पेयजल लाइन डल चुकी है.उन्होने जानकारी दी कि जिन वार्डों में 50 मीटर से अधिक लंबाई की लाइन नए तरीके से डाली जानी है, उसमें फिर सर्वे होगा. शासन ने अमृत-2 के तहत पेयजल लाइन एवं सीवरेज के लिए 40 करोड़ स्वीकृत किए हैं.
निगम अध्यक्ष ने बनाई नई व्यवस्था :निगम अध्यक्ष वृंदावन अहिरवार ने पार्षदों की लगातार आपत्ति के बाद व्यवस्था दी कि टाटा एवं सीवरेज जो शहर के 48 वार्डों में जोन बनाकर कार्य कर रहे हैं, हर जोन की मीटिंग अलग करें. जिसमें संबंधित एजेंसी, निगम के अधिकारी एवं जोन के पार्षद मौजूद रहें, जिससे वार्डों की समस्या का सही तरीके से निराकरण हो सके. शहर में स्ट्रीट लाईटों का मुद्दा उठने पर जब अध्यक्ष ने प्रकाश विभाग के अधिकारी को पुकारा तो वहां विभाग से कोई भी मौजूद नहीं था. जिस पर सभी संबंधितों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए.
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निगम कार्यालय में गंदगी, एक हजार जुर्माना :नगर निगम साधारण सभा में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर एमआईसी सदस्य एवं प्रभारी शैलेष केशरवानी ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए निगम द्वारा कराए जा रहे कार्यक्रमों की खुद उन्हें ही जानकारी नहीं दी जाती है. इस दौरान सदस्यों द्वारा शहर के पहले निगम कार्यालय को ही स्वच्छ बनाने पर जोर दिया. जिस पर आम सहमति से अध्यक्ष ने कार्यालय में पान की पीक सहित अन्य गंदगी फैलाने वालों पर नगद एक हजार रुपए जुर्माने का प्रस्ताव पारित कर दिया. बाद में उन्होने कहा कि अधिकारी परिषद की बैठक के पूर्व संबंधित विभाग के सभापति को पूरी जानकारी से अवगत कराएं. अगली बैठक में अधिकारी से पहले संबंधित सभापति के सदस्यों के सवालों का जवाब देंगे.