सागर। पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के विरोध में बिहार के चंपारण से 1 जून को शुरू हुई NPS निजीकरण भारत छोड़ो यात्रा सोमवार शाम सागर पहुंची. देशव्यापी पेंशन यात्रा का हजारों कर्मचारियों ने समर्थन किया और दीनदयाल नगर में पेंशन यात्रा एक सभा के रूप में तब्दील हो गई. देशव्यापी पेंशन यात्रा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि "हमने गांधी की कर्मभूमि चंपारण से अपनी यात्रा शुरू की है. हम लगातार पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण का विरोध कर रहे हैं, क्योकिं नई पेंशन स्कीम हमारा बुढ़ापा खराब कर देगी और निजीकरण हमारा वर्तमान खराब कर रहा है. देश के 5 राज्य ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर चुके हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में ये लागू नहीं की जा रही है. इसी वजह से हम चरण बद्ध आंदोलन करेंगे. 9 अगस्त को घंटी बजाओ आंदोलन के तहत देश के तमाम सांसदों को फोन लगाकर पुरानी पेंशन की समर्थन की अपील करेंगे और 1 अक्टूबर को दिल्ली के रामलीला मैदान पर पूरे देश के कर्मचारी इकट्ठा होकर अपनी ताकत का एहसास सरकार को कराएंगे."
सागर पहुंचने पर भव्य स्वागत:NMOPS (नेशनल मूवमेंट ओल्ड पेंशन स्कीम) के तहत देशव्यापी पेंशन यात्रा सोमवार को सागर पहुंची जहां हजारों कर्मचारी ने जोरदार स्वागत करते हुए जमकर नारेबाजी की. पेंशन यात्रा की अगुवाई कर रहे एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि "पेंशन हमारा संवैधानिक अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे. इसी संकल्प के साथ हमने देशव्यापी पेंशन यात्रा की शुरूआत की. ये यात्रा पूरे देश का भ्रमण कर ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल करने और निजीकरण के विरोध में पूरे देश में समर्थन जुटाएगी. चंपारण बिहार से होते हुए यूपी, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के जबलपुर से होते हुए सागर पहुंची. इस संकल्प रथ यात्रा का नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु कर रहे हैं. सागर में पेंशन यात्रा के मकरोनिया पहुंचने पर जोरदार स्वागत के बाद दीनदयालय नगर में 1 आमसभा के रूप में तब्दील हो गई, जहां कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकार के प्रति अपना आक्रोश जताया."
कर्मचारियों ने मोबाइल की लाइट जलाकर किया समर्थन:सागर के दीनदयाल नगर में हुई आमसभा में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से सागर पहुंचे कर्मचारियों ने मोबाइल की लाइट जलाकर यात्रा का समर्थन किया. यहां मूवमेंट के पदाधिकारियों ने आम सभा में कर्मचारियों को संबोधित किया. सभा के माध्यम से ये सवाल उठाया गया कि "जब 5-5 राज्य ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर चुके हैं, तो मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार को क्या दिक्कत है." कर्मचारियों का कहना है कि आगामी चुनाव में हम उसी राजनीतिक दल का समर्थन करेंगे, जो ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करेगा.