सागर। कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है,उन्हें राष्ट्रीय आपदा कोष से आर्थिक मदद दी जा रही है. इस योजना के तहत मृतकों के वारिसों के लिए 50 हजार की अनुग्रह राशि दी जा रही है. अनुग्रह राशि के नाम पर भी लूट मची है. दरअसल, सागर जिले में 556 लोगों के खातों में यह राशि ट्रांसफर की जा चुकी है, जबकि कोरोना से होने में वाली मौत का अधिकारिक आंकड़ा (Sagar corona death) 433 है. अब इस मामले में प्रशासन ने चुपके-चुपके जांच शुरू कर दी है.
उज्जैन के ग्रेसिम प्लांट से गैस लीकः शहर में छाए धुएं के बादल, सांस लेने में तकलीफ, लोगों में हड़कंप
आधिकारिक मौत 433 लेकिन 556 खातों में गई राशि
केंद्र सरकार द्वारा कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को राष्ट्रीय आपदा कोष के माध्यम से 50 हजार सहायता राशि का ऐलान किया. इस योजना के तहत राशि वितरण काम शुरू होते ही लोगों ने आवेदन किया. आवेदन सही पाए जाने के बाद सागर जिला प्रशासन द्वारा 556 लोगों के खातों में 50-50 हजार की राशि ट्रांसफर ( sagar corona exgratia amount) कर दी गई. लेकिन बाद में जब कोरोना के कारण जिले में हुई मौतों की जांच पड़ताल की गई,तो पता चला कि सागर जिले में कोरोना से अधिकृत मौतों का आंकड़ा 433 है (Sagar corona death).
कोरोना अनुग्रह राशि की बंदरबांट कई मौतें जिले से बाहर हुईं जब इस मामले की जांच पड़ताल की गई तो सामने आया कि कुछ मामले ऐसे हैं कि जिनकी मौत सागर के बाहर हुई है,लेकिन रहने वाले वह सागर जिले के हैं. अब प्रशासन द्वारा कोविड-19 पोर्टल में दर्ज सागर जिले में हुई मौते और अनुग्रह राशि का लाभ लेने वाले लोगों से मिलान करके जांच की जा रही है. इस जांच पड़ताल में 28 आवेदन में जानकारी पूर्ण ना पाए जाने पर उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया है, फिलहाल प्रशासन द्वारा जांच के बाद अनाधिकृत लोगों से राशि वापस दिए जाने की तैयारी की जा रही है.
विवाहित वारिसों के मामले अटके
इस मामले में एक और अजीबोगरीब स्थिति बनी है. दरअसल सहायता राशि के उन प्रभावित परिवारों के प्रकरण अटक गए हैं, जिनके माता-पिता का निधन हो चुका है और परिवार में केवल विवाहित बच्चे रह गए हैं. इस मामले में प्रशासन का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा इस मामले में अभिमत मांगा गया है. इस तरह के 86 मामले सामने आए हैं. हालांकि ऐसे मामलों में अगर परिवार में कोई अविवाहित सदस्य है,तो विवाहित सदस्यों की सहमति के बाद अविवाहित सदस्य को सहायता राशि दी जा रही है और ऐसे प्रकरणों की संख्या 10 है. इसमें प्रशासन अपने स्तर पर खुफिया जानकारी भी जुटा रहा है कि कहीं विवाहित होते हुए वारिस सहायता राशि के लिए अविवाहित बताकर गलत जानकारी तो नहीं दे रहा है.
सागर के कई लोगों की दूसरे जिले में हुई मौत- कलेक्टर
इस मामले में जिला कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि आवेदनों की संख्या ज्यादा होने का कारण अधिकतर मामलों में मृत्यु जिले के बाहर होने के कारण आया है. इसके अलावा सभी प्रकरणों की जांच भी कराई जा रही है. वहीं दूसरी तरफ से मृतकों के विवाहित वारिसों के मामले में दिशा-निर्देश नहीं होने के कारण फिलहाल प्रशासन से अभिमत मांगा गया है. हर मामले की पूरी जांच की जा रही है.