MP Election 2023:क्या है मध्यप्रदेश में वोटर्स का रुझान, देखें-कांग्रेस व बीजेपी के सर्वे में किसको कितनी सीटें
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी व कांग्रेस लगातार कई तरह के सर्वे करवा रही हैं.अब मध्यप्रदेश कांग्रेस ने अपने अधिकृत ट्विटर हैंडल से कर्नाटक चुनाव के बाद कराए सर्वे में जीत का दावा किया है. सर्वे में सत्ताधारी दल भाजपा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. सर्वे में कांग्रेस की सरकार बनाती नजर आ रही है. वहीं, बीजेपी व संघ के सर्वे में भी सत्ताविरोधी रुझान जमकर दिख रहा है. इन सर्वे ने बीजेपी की धड़कनें बढ़ा दी हैं.
MP Election 2023:क्या है मध्यप्रदेश में वोटर्स का रुझान
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Published : Jun 1, 2023, 10:33 AM IST
सागर।कांग्रेस के सर्वे के अनुसार भाजपा का गढ़ माने जाने वाला बुंदेलखंड चौंकाने वाले परिणाम देने वाला है. जिन सीटों पर उपचुनाव जीतकर भाजपा ने सुरक्षित सरकार बनायी थी, उन सीटों पर भी भाजपा की हालत पतली बतायी जा रही है.सर्वे के मुताबिक प्रदेश में पिछले चुनाव में जीती 127 में से 57 सीटों पर भाजपा मुश्किल में नजर आ रही है. दरअसल, चुनाव नजदीक आते ही सत्ताधारी दल भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिए अपने वादे और दावे पेश कर रहे हैं.
सर्वे पर छिड़ी लोगों के बीच बहस: मध्यप्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर एक सर्वे की चर्चा तेज है. इसमें कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया गया है.सर्वे में बताया गया है कि सत्ताधारी दल भाजपा 70 सीटों पर सिमट रही है. वहीं कांग्रेस करीब 150 सीटें हासिल करने जा रही है. सर्वे को लेकर कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर कर्नाटक चुनाव के बाद सर्वे कराया है. सर्वे में 16 हजार 779 लोगों ने अपना राय दी है. दूसरी तरफ, सत्ताधारी दल बीजेपी और संघ के सर्वे में भी ऐसे ही हाल नजर आ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो भाजपा अब तक 3 और आरएसएस अपने अनुषांगिक संगठनों के जरिए अलग-अलग सर्वे करा चुका है. संघ के सर्वे में भाजपा की 150 से लेकर 160 सीटों पर हालत कमजोर बतायी जा रही है. जिसमें भाजपा की पिछले चुनाव में जीती करीब 60 सीटें शामिल हैं. आलम ये है कि पहले कांग्रेस की जीती हुई सीटों पर अपनी जीत की रणनीति बना रही भाजपा का फोकस अब सीटें बचाने पर ज्यादा है.
उपचुनाव में जीती सीटों पर संकट के बादल :लगातार सत्ता में रहने और कांग्रेस विधायकों को तोड़कर सरकार बनाने वाली बीजेपी के खिलाफ 2018 से ज्यादा सत्ता विरोधी लहर देखने मिल रही है. हालत ये है कि कमलनाथ सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने जो कांग्रेस की सीटें जीत ली थीं, उन सीटों में से ज्यादातर पर भाजपा के खिलाफ माहौल है. भाजपा ने 2018 में हारी 21 सीटें उपचुनाव में कांग्रेस से छीन ली थीं. इन सीटों पर भाजपा की हालत पतली बतायी जा रही है. इनमें सुरखी, पृथ्वीपुर, बड़ामलहरा, अनूपपुर,सांची, मांधाता, हाटपिपल्या, नेपानगर, जौरा, अम्बाह, मेहगांव,सांवेर ग्वालियर, भांडेर, पोहरी, बमोरी, अशोकनगर,जोबट, मुंगावली, बदनावर और सुवासरा शामिल हैं.
जीती हुई सीटों पर बीजेपी कमजोर :इसके अलावा भाजपा की उन सीटों पर कांग्रेस और संघ के सर्वे में स्थिति गंभीर बतायी जा रही है, जो फिलहाल भाजपा के कब्जे में हैं. इनकी संख्या 57 बतायी जा रही है. फिलहाल भाजपा के पास 127 सीटें हैं और इनमें से भाजपा 57 सीटों पर कमजोर है. यानी भाजपा महज 70 सीटों पर सिमट सकती है. जिन सीटों पर भाजपा की हार का खतरा मंडरा रहा है. ये हैं-बीना, नरयावली, टीकमगढ़, निवाड़ी, जतारा, पृथ्वीपुर, खरगापुर, चंदला, बड़ा मलहरा, जबेरा, पवई, नागौद, अमरपाटन, रामपुर बघेलान, देवतालाब, चुरहट, सीधी, सिंगरौली, ब्यौहारी, अनूपपुर, मुडवारा, सिहोरा, मंडला, परसवाड़ा, आमला, टिमरनी, सिवनी मालवा, पोहरी, कोलारस, बमोरी, गुना, अशोकनगर, मुंगावली,विजयपुर, जौरा, अम्बाह, मेहगांव, ग्वालियर, भांडेर, सांची, बासौदा, हाटपिपल्या, मांधाता, पंधाना, नेपानगर, बड़वानी, जोबट, धार, बदनावर, इंदौर-5, उज्जैन उत्तर, उज्जैन दक्षिण, रतलाम ग्रामीण, जावरा, सुवासरा, मनासा, नीमच.