सागर।कमलनाथ सरकार गिराकर सिंधिया के समर्थन से भाजपा ने सरकार तो बना ली, लेकिन सरकार बनाने के साइड इफेक्ट अब भाजपा के लिए चुनाव के समय सरदर्द बनते जा रहे हैं. दरअसल, जिले के 3 कद्दावर मंत्रियों के बीच की टकराहट के चलते भाजपा को नुकसान झेलना पड़ सकता है. क्योंकि राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की नाराजगी के चलते जिला किसान मोर्चा के अध्यक्ष पद से हटाकर निष्कासित किए गए राजकुमार सिंह धनोरा की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ नजर आ रहे हैं. राजकुमार धनोरा नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार हैं.
सिंधिया खेमे के कारण बिगड़े समीकरणःभाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार धनोरा की बात करें तो राजकुमार धनोरा सुरखी विधानसभा के एक कद्दावर नेता हैं. सागर जिला पंचायत के सदस्य भी रहे हैं और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के करीबी रिश्तेदार भी हैं. करीब 30 साल से भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय राजकुमार धनोरा भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष थे, वह सुरखी विधानसभा में स्थानीय प्रत्याशी को टिकट दिए जाने के लिए जन जागरण अभियान चला रहे थे, तो सुरखी विधायक और शिवराज सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत नाराज हो गए और संगठन में शिकायत कर ना सिर्फ जिला अध्यक्ष पद से हटवा दिया, बल्कि पार्टी से निष्कासित करवा दिया. पार्टी की एक तरफा कार्रवाई से नाराज राजकुमार सिंह धनोरा ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. एक के बाद एक जमीन हेरा-फेरी के कई मामले उजागर किए. नतीजा ये हुआ कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से उनकी अदावत बढ़ गई और गोविंद सिंह राजपूत ने उनके ऊपर करके दर्ज करा दिए और प्रशासन और पुलिस उन्हें प्रताड़ित करने लगा.
नहीं मिला रिश्तेदार भूपेंद्र सिंह का साथः इस मामले में राजकुमार सिंह धनोरा अलग-थलग पड़ गए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के करीबी नगरीय प्रशासन मंत्री, जो उनके रिश्तेदार भी हैं, उन्होंने भी दूसरी विधानसभा का मामला होने के कारण अपने रिश्तेदार की किसी तरह से मदद नहीं की, जब पुलिस ने राजकुमार सिंह धनोरा पर एक के बाद एक मामले दर्ज किए और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पीछे पड़ गई. तब भी रिश्तेदार मंत्री भूपेंद्र सिंह ने उनकी किसी तरह की मदद नहीं की और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए लगातार उनके पीछे पड़ गई. हालात ये बने कि राजकुमार सिंह धनोरा को फरार होना पड़ा और वह भूमिगत हो गए.