सागर। सागर गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शनिवार को कहा कि, "आज आनंद का दिन है, आज दिवाली के बाद दिवाली मनाई गई है और ऐसा लग रहा है कि होली से पहले होली आ गई है. यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं है, यहाँ तो सागर की पूरी जनता उमड़ पड़ी है." (Sagar gaurav diwas) दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज कल सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरिसिंह गौर की 153वीं जयंती पर सागर गौरव दिवस कार्यक्रम की रूप में मनाने सागर पहुंचे थे.
पाठ्यपुस्तक में शामिल होगी डॉ गौर की जीवनी सागर की माटी के कण-कण में बसे हैं गौर साहब:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सागर गौरव दिवस को संबोधित करते हुए कहा कि, 'गौर बब्बा अद्भुत थे, वो विख्यात कानूनविद थे, उन्होंने कलकत्ता, लाहौर और रंगून में वकालत की. उन्होंने अपना सारा धन सागर यूनिवर्सिटी बनाने में लगा दिया और इसके माध्यम से उन्होंने यहाँ ज्ञान का सागर बना दिया. सागर की माटी के कण-कण में रचे-बसे हैं गौर साहब, सिविल लाइंस से कटरा तक, बड़ा बाजार से गढ़पहरा तक, परेड मंदिर से पीली कोठी तक, शनिचरी से इतवारी तक, गुजराती बाजार से सदर बाजार तक गौर साहब की पहचान है. मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ, सागर की कई यादें मेरे दिल और दिमाग में छा रही हैं. अपनी चिरौंजी की बर्फ़ी और गुजराती नमकीन देश और विदेश में धूम मचा रहा है, सागर विश्वविद्यालय में कई हस्तियाँ पढ़ी हैं. आचार्य रजनीश, सुदर्शन जी भी यहाँ पढ़े हैं, कई लोगों को पता नहीं होगा, हम भी यहाँ थोड़े समय के लिए पढ़े हैं, अपना भी सागर से गहरा रिश्ता है.'
राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने के लिए बजट में करेंगे प्रावधान:सीएम ने कहा कि, 'मुझे कहते हुए गर्व है कि जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना, तो सबसे बड़ा जो काम मैंने किया था, वो था सागर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना. एक साल में सागर जिले में 4,770 करोड़ रुपये के काम सम्पन्न होने वाले हैं, 990 करोड़ रुपये के काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत हो रहे हैं. यहाँ के जनप्रतिनिधियों ने मांग रखी है कि यहाँ के राजघाट बांध की ऊँचाई 2 मीटर बढ़ा दी जाए, इस बजट में इसके लिए प्रावधान कर दिया जाएगा. आज गौर साहब की जयंती है, हम संकल्प करें कि हर साल गौर साहब की जयंती पर सागर गौरव दिवस मनाएंगे.'
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पाठ्य पुस्तकों में शामिल होगी गौर की जीवनी: सीएम शिवराज ने कहा कि,'आपने कहा है कि गौर साहब को भारत रत्न मिलना चाहिए, आपकी भावनाओं को उचित स्थान पर हम पहुँचाएंगे. हम पाठ्य पुस्तकों में किसी एक निश्चित स्थान पर गौर साहब का पाठ भी रखेंगे, हम संकल्प लें कि सागर के विकास में योगदान देंगे. अपने जन्मदिन या वैवाहिक वर्षगांठ पर एक पेड़ हर साल लगाएंगे, सागर की आंगनवाड़ियों में व्यवस्थाएँ सुदृढ़ हों, समर्थ लोग इस चीज का प्रयास करेंगे. बेटियों के जन्म पर खुशियाँ मनाएंगे, पानी को बचायेंगे, बिजली को बचायेंगे, धीरे-धीरे अपने शहर को नशामुक्त बनाने के लिए काम करेंगे, आप से मेरा यही निवेदन है, तीर्थ दर्शन योजना में हमने अयोध्या को जोड़ा है. हम इसके लिए अयोध्या के लिए ट्रेन चलवा देंगे.'