सागर।आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर चर्चाएं तेज होने लगी हैं. एक तरफ मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पार्टी का चेहरा है, तो दूसरी तरफ पार्टी के ऐसे विधायक जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाते हैं, उनके समर्थक और प्रशंसक उन्हें मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं. ऐसी स्थिति में भाजपा के मौजूदा विधायकों में सबसे ज्यादा चुनाव जीतने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष और मौजूदा पीडब्ल्यडी मंत्री गोपाल भार्गव से जब मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं इतना महत्वाकांक्षी नहीं हूं. मेरा काम निरंतर कर्म, यही मेरा धर्म है. पार्टी जो भी फैसला लेगी, मुझे मंजूर होगा. हालांकि विपक्ष मौजूदा हालातों में भाजपा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों को लेकर छुटकी लेता रहता है.
लगातार 8 विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं गोपाल भार्गव:जहां तक मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर गोपाल भार्गव की बात की जाए तो उनका दावा किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं बनता है. क्योंकि गोपाल भार्गव 1985 से लगातार रहली विधानसभा से चुनाव जीते आ रहे हैं और अब तक लगातार 8 चुनाव जीत चुके हैं. वहीं 2003 से लगातार कैबिनेट मंत्री के पद पर काबिज हैं. 2018 में जब 15 महीने की कमलनाथ सरकार आई थी, तो भाजपा ने गोपाल भार्गव को भाजपा विधायक दल का नेता बनाते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी दी थी. इस लिहाज से देखा जाए, तो गोपाल भार्गव मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार होते हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता और समर्थक लगातार उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करते रहते हैं. हालांकि मौजूदा स्थिति में भाजपा के हालातों को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा सामने करके चुनाव लड़ेगी या किसी को मुख्यमंत्री के तौर पर घोषित करके चुनाव मैदान में उतरेगी.