सागर:मध्यप्रदेश में बोर्ड परीक्षा चल रही है. बोर्ड परीक्षा में बैठ रहे छात्रों का साल काफी अहम और भविष्य से जुड़ा हुआ है, लेकिन बोर्ड परीक्षाओं में केंद्र प्रभारी संवेदनहीनता देखी जा रही है हैं. इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. सागर के परसोरिया में आज 12वीं के हिंदी के पेपर में 2 छात्राओं और 1 छात्र को इसलिए नहीं बैठने दिया, क्योंकि वह सिर्फ 10 मिनट लेट हो गए थे.
दरअसल छात्र करीब 5 किमी पैदल चलकर आए थे और केंद्राध्यक्ष से मानवता के नाते परीक्षा देने के लिए काफी निवेदन भी किया था. लेकिन केंद्राध्यक्ष ने संवेदनशीलता ना अपनाते हुए नियमों का हवाला देकर विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है जो आज ही मामले की रिपोर्ट देगी. समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
परीक्षा से वंचित छात्रों ने क्या बोल:वहीं परीक्षा से वंचित विद्यार्थियों का कहना है कि "जंगली इलाके में बसे गांव आप चंद के निवासी हैं. उन्हें मुख्य सड़क पर आने में करीब 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. फिर ऑटो से वह परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र पहुंचे. करीब 10 मिनट लेट हो गए. इन हालातों से विद्यार्थियों ने केंद्राध्क्ष को अवगत भी कराया और अपनी परेशानी बताई. लेकिन केंद्राध्यक्ष नगर संवेदनशील रवैया अपनाते हुए विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया. बताया जा रहा है कि कल भी एक छात्र रेलवे गेट ज्यादा देर तक बंद होने के कारण परीक्षा केंद्र पहुंचने में लेट हो गया था और उसे भी केंद्राध्यक्ष रंजना पाठक ने परीक्षा से वंचित कर दिया था."