सागर। संत रविदास महाकुंभ को लेकर माना जा रहा है कि बुंदेलखंड के संत रविदास के अनुयाई एससी मतदाताओं को लुभाने भाजपा ये आयोजन कर रही है. बुंदेलखंड के 6 जिलों में संत रविदास के लाखों अनुयाई हैं, आयोजन को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने आयोजन को संत रविदास की गुरु वाणी के विपरीत बताया है. उन्होंने कहा है कि ''पिछले महाकुंभ और पिछले चुनाव के घोषणा पत्र में बीजेपी ने संत रविदास के नाम पर दलितों के लिए जो घोषणाएं की थी वह अभी तक पूरी नहीं की हैं''.
8 फरवरी को सागर में संत रविदास महाकुंभ:भाजपा 8 फरवरी को संत रविदास के अवतरण दिवस पर संत रविदास महाकुंभ आयोजित करेगी. जिसमें साधु संतों के समागम के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे. ये जानकारी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने दी. लाल सिंह आर्य ने महाकुंभ को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारी पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश की सभी 22 हजार 800 पंचायतों, 313 ब्लाक एवं सभी जिलों में संत रविदास जयंती धूम धाम से मनाई जाएगी. आगामी 8 फरवरी को सागर में चौथी बार संत रविदास महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. भव्य आयोजन में साधु संतों के समागम के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भाजपा द्वारा लगातार तैयारियां की जा रही हैं. 2 फरवरी को विधानसभा स्तरीय बैठक और 3 फरवरी से लगातार सभी पदाधिकारी अनूसूचित जाति की सेवा बस्तियों में जनसंपर्क कर बैठक करेंगे. जिसमें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याण एवं महापुरुषों के सम्मान के लिए किए गए कार्यों को जन जन तक पहुंचाएंगे. अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ता संपर्क कर संत रविदास महाकुंभ के लिए आमंत्रित करेंगे. लालसिंह आर्य ने बताया की कार्यक्रम के लिए हैश टैग "#सबके संत रविदास'' भी जारी किया गया है.
रविदास जयंती के बहाने बुंदेलखंड को साधने में जुटे कमलनाथ, करोड़ों की सौगातों का करेंगे ऐलान
चुनावी साल में रविदास महाकुंभ:बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में संत रविदास जयंती के अवसर पर महाकुंभ चौथी बार आयोजित किया जा रहा है. इसके पहले भी भाजपा अनुसूचित जाति के मतदाताओं को रिझाने के लिए संत रविदास महाकुंभ का आयोजन करती आ रही है. बुंदेलखंड के 6 जिलों में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है और निर्णायक स्थिति में हैं. पूरे बुंदेलखंड में करीब 25 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, जिनमें से करीब 17 फीसदी मतदाता संत रविदास महाराज के अनुयाई हैं, इनमें अहिरवार और जाटव समाज की बहुलता है. आरक्षित सीटों पर यह मतदाता किंग मेकर हैं, तो कई अन्य सीटों पर चुनाव के परिणाम प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. बुंदेलखंड में 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मिली चुनौती को देखते हुए अनुसूचित जाति के मतदाताओं को रिझाने के लिए रविदास महाकुंभ का आयोजन किया है. जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद शामिल होंगे और चुनावी साल में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए घोषणाओं का पिटारा खोलेंगे.