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Sant Ravidas Mahakumbh: चुनावी साल में MP में संत रविदास महाकुंभ, बुंदेलखंड के दलित वोटर को लुभाने की कोशिश में BJP - mission mp 2023

चुनावी साल में बुंदेलखंड के अनुसूचित जाति के मतदाताओं को रिझाने के लिए सत्ताधारी दल भाजपा सागर में चौथी बार संत रविदास महाकुंभ का आयोजन करने जा रही है (Sant Ravidas Mahakumbh in Bundelkhand). वैसे तो 5 फरवरी को रविदास जयंती है, लेकिन ये आयोजन 8 फरवरी को होने जा रहा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा खुद इसमें मौजूद रहेंगे.

BJP will organize Sant Ravidas Mahakumbh
बुंदेलखंड के दलितो को लुभाने की कोशिश में भाजपा

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Published : Feb 2, 2023, 11:38 AM IST

Updated : Feb 2, 2023, 11:55 AM IST

कांग्रेस ने भाजपा पर साधा निशाना

सागर। संत रविदास महाकुंभ को लेकर माना जा रहा है कि बुंदेलखंड के संत रविदास के अनुयाई एससी मतदाताओं को लुभाने भाजपा ये आयोजन कर रही है. बुंदेलखंड के 6 जिलों में संत रविदास के लाखों अनुयाई हैं, आयोजन को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने आयोजन को संत रविदास की गुरु वाणी के विपरीत बताया है. उन्होंने कहा है कि ''पिछले महाकुंभ और पिछले चुनाव के घोषणा पत्र में बीजेपी ने संत रविदास के नाम पर दलितों के लिए जो घोषणाएं की थी वह अभी तक पूरी नहीं की हैं''.

बुंदेलखंड के दलितो को लुभाने की कोशिश में भाजपा

8 फरवरी को सागर में संत रविदास महाकुंभ:भाजपा 8 फरवरी को संत रविदास के अवतरण दिवस पर संत रविदास महाकुंभ आयोजित करेगी. जिसमें साधु संतों के समागम के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे. ये जानकारी भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने दी. लाल सिंह आर्य ने महाकुंभ को लेकर चल रही तैयारियों की जानकारी पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश की सभी 22 हजार 800 पंचायतों, 313 ब्लाक एवं सभी जिलों में संत रविदास जयंती धूम धाम से मनाई जाएगी. आगामी 8 फरवरी को सागर में चौथी बार संत रविदास महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. भव्य आयोजन में साधु संतों के समागम के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भाजपा द्वारा लगातार तैयारियां की जा रही हैं. 2 फरवरी को विधानसभा स्तरीय बैठक और 3 फरवरी से लगातार सभी पदाधिकारी अनूसूचित जाति की सेवा बस्तियों में जनसंपर्क कर बैठक करेंगे. जिसमें केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के कल्याण एवं महापुरुषों के सम्मान के लिए किए गए कार्यों को जन जन तक पहुंचाएंगे. अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ता संपर्क कर संत रविदास महाकुंभ के लिए आमंत्रित करेंगे. लालसिंह आर्य ने बताया की कार्यक्रम के लिए हैश टैग "#सबके संत रविदास'' भी जारी किया गया है.

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चुनावी साल में रविदास महाकुंभ:बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में संत रविदास जयंती के अवसर पर महाकुंभ चौथी बार आयोजित किया जा रहा है. इसके पहले भी भाजपा अनुसूचित जाति के मतदाताओं को रिझाने के लिए संत रविदास महाकुंभ का आयोजन करती आ रही है. बुंदेलखंड के 6 जिलों में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या काफी ज्यादा है और निर्णायक स्थिति में हैं. पूरे बुंदेलखंड में करीब 25 फीसदी अनुसूचित जाति के मतदाता हैं, जिनमें से करीब 17 फीसदी मतदाता संत रविदास महाराज के अनुयाई हैं, इनमें अहिरवार और जाटव समाज की बहुलता है. आरक्षित सीटों पर यह मतदाता किंग मेकर हैं, तो कई अन्य सीटों पर चुनाव के परिणाम प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं. बुंदेलखंड में 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मिली चुनौती को देखते हुए अनुसूचित जाति के मतदाताओं को रिझाने के लिए रविदास महाकुंभ का आयोजन किया है. जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद शामिल होंगे और चुनावी साल में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए घोषणाओं का पिटारा खोलेंगे.

क्या कहना है कांग्रेस का:मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि "संतों, महापुरुषों और आम आदमियों की भावनाओं से खेलना भाजपा की पुरानी आदत है. इसी के तहत यहां चौथी बार संत रविदास महाकुंभ बीजेपी आयोजित कर रही है, लेकिन बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि जो पिछले महाकुंभ आयोजित किए गए और उनमें जो घोषणा की गयी, वह आज तक पूरी नहीं हुई. लगातार 18 वर्षों से शिवराज सिंह की सरकार प्रदेश में हैं, लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग के जिन संत के नाम पर महाकुंभ आयोजित किया जा रहा है, उन्हीं संत रविदास महाराज के नाम अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण की योजनाएं चालू करने की घोषणा की गई थी, लेकिन सरकार बनते ही ये घोषणा एक तरफ फेंक दी गयी, आज तक घोषणापत्र पर क्रियान्वयन नहीं हुआ है''.

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संतों और सनातन धर्म का अपमान कर रही भाजपा:कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि ''पिछले महाकुंभ के दौरान शिवराज सिंह ने कहा था कि अनुसूचित जाति वर्ग के एक लाख परिवार को संत रविदास के नाम की योजना के माध्यम से जो कर्ज दिया गया था, उसे माफ किया जाएगा, लेकिन आज तक एक भी व्यक्ति का कर्ज माफ नहीं हुआ. ऐसे संतों, महात्मा और भगवान के नाम पर झूठ परोसकर, धोखा देकर गुमराह कर वोट बटोरने के लिए भाजपा महाकुंभ आयोजित करने जा रही है. चूंकि ये चुनावी वर्ष है, इसके पहले उनको संत शिरोमणि रविदास महाराज की याद नहीं आई, इसके पहले तीन चार साल जिस तरीके से सत्संगी मार्ग के तहत जीवन यापन करने वाले परेशान थे, भूखे मरने की स्थिति में थे. आज वो महंगाई के कारण तेल के बगैर खाना खा रहे हैं और तेल के बगैर दिया जला रहे हैं. ऐसे लोगों की परेशानी ध्यान में ना रखते हुए सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए ये आयोजन भारतीय जनता पार्टी कर रही है. यह संतों, सत्संगी परंपरा और सनातन धर्म का अपमान है''.

संत शिरोमणि रविदास की गुरूवाणी के विपरीत: कांग्रेस नेता सुरेंद्र चौधरी कहते हैं कि ''कांग्रेस पार्टी देश में लोकतांत्रिक विचारधारा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाली पार्टी है, वह हर समय सत्ता के लिए राजनीति नहीं करती है. आपने देखा होगा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने पदयात्रा की है. इस देश में वर्तमान हालात जो हैं, इससे गरीब आदमी और गरीब होता जा रहा है, बड़ा आदमी और बड़ा होता जा रहा है, गैर बराबरी बढ़ती जा रही है. जो संत शिरोमणि रविदास महाराज की गुरु वाणी के विपरीत है, उन्होंने कहा था कि "ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न". संत रविदास की आत्मा को चोट पहुंचाकर यह कुंभ करने जा रहे हैं, उन्हें कभी इसका फल नहीं मिलेगा फल कांग्रेस पार्टी को मिलेगा''.

Last Updated : Feb 2, 2023, 11:55 AM IST

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