सागर। स्मार्ट सिटी के तहत शहर की ऐतिहासिक धरोहर लाखा बंजारा झील की सफाई और सौंदर्यीकरण भी किया जाना प्रस्तावित है, लेकिन इसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में झील को जेसीबी, पोकलेन मशीन और डंपर से साफ करवाने का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन शहर के युवाओं ने मांग की है कि मैन्युअली सफाई कराने की जगह ड्रेसर मशीन से सफाई कराई जाए. उनका मानना है कि जेसीबी से झील की सफाई होना संभव नहीं है. शहर के युवाओं ने इस मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है.
लाखा बंजारा झील की सफाई को लेकर धरने पर बैठे शहरवासी, मशीन से सफाई की मांग की
सागर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम शुरू हो चुका है. इसके अंतर्गत लाखा बंजारा झील को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है. शहर के लोगों ने झील की सफाई मैन्युअली नहीं करते हुए ड्रेसर मशीन से करवाने की मांग उठाई है.
लंबे समय से झील के विकास और सफाई के नाम पर सागर में राजनीति होती आई है. बीते साल झील संरक्षण के नाम पर करोड़ों की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. इस बार झील की सफाई को लेकर 100 करोड़ से ज्यादा का प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के माध्यम आया है. जिसमें झील की सफाई पोकलेन मशीन और डंफर से करने का प्रावधान है. इसी प्रावधान के खिलाफ शहर के युवा वर्ग ने आवाज उठाई है.
धरने पर बैठे युवाओं का कहना है कि इतनी बड़ी झील की इस तरह से सफाई का प्रावधान प्रस्तावित राशि में सेंध लगाने के किया गया है. ड्रेसर मशीन से कभी भी सफाई की जा सकती है, जबकि मैनुअली कार्य करने से पहले लगभग तीन महीने झील को खाली करने और जमा सिल्ट को सुखाने में लगेंगे. युवाओं का कहना है कि झील संरक्षण के नाम पर पहले जो कुछ होता आया है, वो अब नहीं होने देंगे.