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सागर की बदलेगी किस्मत! डेयरी और ट्रांसपोर्ट नगर शहर से होंगे बाहर, शिफ्टिंग की आखिरी तारीख तय

सागर जिला प्रशासन अब शहर को स्वच्छता और यातायात में बेहतर बनाने के लिए ऐक्शन मोड में है. 1 अप्रैल से शहर को मवेशी मुक्त घोषित किए जाने के बाद डेयरी संचालकों को शहर के बाहर आवंटित प्लॉट को लेने के लिए निर्देशित किया गया है. साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्ट कंपनियों को जल्द शिफ्ट करने की आखिरी तारीख भी घोषित की गई है.

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मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर में की बैठक

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Published : Apr 3, 2023, 5:26 PM IST

Updated : Apr 3, 2023, 5:39 PM IST

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सागर में की बैठक

सागर। शहर की स्वच्छता और सुगम यातायात के मामले में बड़े बाधक बने मवेशी और भारी वाहन अब जल्द ही शहर में नजर नहीं आएंगे. शहर के तमाम डेयरी संचालक रतौना डेयरी काम्पलेक्स में शिफ्ट होंगे, तो अमावनी में बनाए गए ट्रांसपोर्ट नगर और मैकनिकल कांपलेक्स में शहर के ट्रांसपोर्टर शिफ्ट होंगे. इस मामले में प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह के साथ डेयरी व्यावसायी और ट्रांसपोर्टर की बैठक में सहमति बन गयी है. खास बात ये है कि डेयरी काम्पलेक्स में अन्य सुविधाओं के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री ने 12 करोड़ रुपए और स्वीकृत किए हैं. वहीं ट्रांसपोर्ट नगर और मैकनिकल काम्पलेक्स में महज 200 रुपए वर्गफीट के हिसाब से ट्रांसपोर्टर को प्लाट उपलब्ध कराएं जाएंगे. इन सौगातों के साथ डेयरी संचालकों को 15 मई और ट्रांसपोर्टर को 30 अप्रैल तक प्लाट आवंटन सुनिश्चित कराने के लिए कहा है. इन दोनों फैसलों से सागर शहर के अव्यवस्थित यातायात के साथ स्वच्छता में भी सुधार होगा.

डेयरी के लिए 15 मई आखिरी मोहलत:नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह की मौजूदगी में पशुपालकों को 15 मई रतौना डेयरी कांप्लेक्स में अपने व्यवसाय शिफ्ट करने की अंतिम तारीख दी गई है. पशुपालकों के हित में महापौर की मांग पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने डेयरी कांप्लेक्स में बुनियादी सुविधाओं के लिए 12 करोड़ रुपए स्वीकृत किए. गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने 1 अप्रैल से सागर शहर को मवेशी मुक्त शहर घोषित कर दिया है. इस फैसले पर पशुपालक संघ ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को समस्याओं का ज्ञापन देने की बात कही थी. पशुपालकों की मांगों पर विचार करने मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने पशुपालकों के साथ बैठक की. बैठक में पशुपालकों ने शेड निर्माण और दूसरी तैयारियों के लिए अतिरिक्त समय की मांग की.

न्यूनतम दरों पर प्लॉट: मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने पशुपालकों से कहा है कि ये शहर आपका है और शहर के समुचित विकास और हितों के लिए हम सब को मिलकर ही समाधान निकालना होगा. उन्होंने कहा कि डेयरी विस्थापन के लिए सबसे पास और अनुकूल जगह आपको दी गई है. इस जगह को विकसित करने के लिए 8 करोड़ की राशि खर्च की गई. छोटे डेयरी व्यवसायियों के हितों का ध्यान रखते हुए सरकार ने ज्यादातर भार अपने ऊपर लिया है और किश्तों में भुगतान के साथ न्यूनतम दरों पर विकसित प्लाट उपलब्ध कराए हैं.

मिलेंगी सारी सुविधाएं: मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने जिला प्रशासन और पशुपालकों से सहमति के बाद 15 मई तक पशुपालकों को विस्थापन स्थल पर व्यवसाय शिफ्ट कर लेने की तारीख घोषित की है. सात दिवस के भीतर सभी पशुपालकों को अनिवार्य रूप से प्लाट और विस्थापन के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. बैंक लोन में आ रही दिक्कतों के लिए जिला प्रशासन बैंक और पशुपालकों के समन्वय करेगा. इसके बाद जिला प्रशासन निगम एक्ट के तहत आवश्यक कार्रवाई करने स्वतंत्र होगा. डेयरी विस्थापन स्थल पर प्रशासनिक भवन, पुलिया, नाली सिस्टम, ट्रांसफॉर्मर, विद्युतीकरण, तीन ट्यूबवेल, कुआं, पानी सप्लाई लाइन, सीसीरोड, प्रकाश व्यवस्था और दूसरी सुविधाएं बनाई गई हैं.

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नया ट्रांसपोर्ट नगर तैयार: बुंदेलखंड का पहला सर्वसुविधायुक्त ट्रांसपोर्ट नगर शहर के पास अमावनी में बनकर तैयार है. सभी ट्रांसपोर्ट कंपनियां शहर से बाहर हों, यह हमारे शहर की जनता और ट्रांसपोर्टर के हित में है. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कलेक्टर सभाकक्ष में ट्रांसपोर्ट नगर एवं मैकेनिक कॉम्प्लेक्स की समीक्षा बैठक में ये बात कही. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बैठक में सभी रजिस्टर्ड ट्रांसपोर्टर की सहमति से अमावनी स्थित ट्रांसपोर्ट नगर और मैकेनिकल कांप्लेक्स में 200 रु. वर्गफीट मूल्य पर प्लाट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. इस मूल्य पर भूखंड लेने के लिए ट्रांसपोर्टर को 30 अप्रैल तक अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

30 अप्रैल तक लेना होगा प्लाट: मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सागर में ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होने से अनेक प्रकार की असुविधाओं का सामना नागरिक, प्रशासन और ट्रांसपोर्टर को करना पड़ता है. अमावनी में विकसित किया गया ट्रांसपोर्ट नगर सबसे उपयुक्त और कीमती जमीन पर बनाया गया है. विकसित भूमि का लागत मूल्य बहुत अधिक होने के बावजूद जनहित में 200 रु. प्रति वर्गफीट मूल्य रखा गया है. ट्रांसपोर्टर अपनी जरूरत के हिसाब से भूखंड ले सकेंगे. उन्होने कहा कि ट्रांसपोर्ट नगर एक अनिवार्य आवश्यकता है. सभी को अपने नगर के लोगों की सुरक्षा और व्यवसाय की वृद्धि को देखते हुए व्यवसाय स्थल स्थानांतरित करना चाहिए. यह ऐसा अवसर है कि जब सभी सुविधाएं विकसित होकर आसानी से न्यूनतम मूल्यों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं. सभी ट्रांसपोर्टरों को आगे आकर लाभ उठाना चाहिए. 30 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले ट्रांसपोर्टरों के लिए लिखित मूल्य पर ही भूखंड लेना होगा.

Last Updated : Apr 3, 2023, 5:39 PM IST

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