सागर।बुंदेलखंड इलाके का एकमात्र मेडिकल कॉलेज अपनी स्थापना के 12 साल बाद भी सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के अभाव से जूझ रहा है. सागर संभाग के करीब 6 जिलों के गंभीर मरीजों का दबाव होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की कमी बड़ी समस्या है. दूसरी तरफ मेडिसन और सर्जरी जैसे विभाग की पीजी कक्षाएं अभी तक शुरू नहीं हो सकी हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में कैप स्लैब और ब्लड बैंक की भी व्यवस्था नहीं है. इन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सिर्फ नाम का मेडिकल कॉलेज रह गया है. जहां तक मेडिकल की सीटों का सवाल है, तो सिर्फ 100 सीटें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हैं.
मेडिकल कॉलेज में नहीं हैं सुपरस्पेशलिटी सेवाएं
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन हजारों की संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के अभाव के कारण मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पाता है. ऐसी स्थिति में मरीजों को भोपाल, जबलपुर और नागपुर जैसे शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ता है. सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के अभाव के कारण मेडिकल कॉलेज डॉक्टर्स की कमी से भी जूझ रहा है. विधिवत तरीके से ब्लड बैंक भी आज तक शुरू नहीं हो सका है, जबकि मेडिकल कॉलेज की स्थापना 2009 में की गई थी.
इन किल्लतों से जूझ रहा बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज
- बीएमसी में कार्डियोलॉजी, कार्डियो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, गैस्ट्रोलॉजी, गैस्ट्रो सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण विभाग भी नहीं हैं.
- बीएमसी में कैथ लैब की स्थापना नहीं हो सकी है. इसके अलावा ब्लड बैंक भी विधिवत तरीके से शुरू नहीं हुआ.
- बीएमसी में मेडिसन और सर्जरी विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री की मान्यता भी नहीं मिली है. इसका कारण 4-4 असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी बताया जा रहा है. नेत्र रोग विभाग और रेडियोलॉजी की भी पीजी क्लासेज भी शुरू नहीं हो सकी हैं.