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Jawaharlal Nehru Death Anniversary 2023: यहां सहेजकर रखे गए हैं पं. नेहरू के पदचिन्ह और अंगुल चिन्ह

सागर की पुलिस अकादमी में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पदचिन्ह और अंगुल चिन्ह सहेजकर रखे गए हैं. बता दें कि वर्षों पहले पंडित नेहरू ने पुलिस अकादमी का दौरा किया था, उस समय उनके पदचिन्ह और अंगुल चिन्ह लिए गये थे.

Jawaharlal Nehru Death Anniversary
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Published : May 25, 2023, 5:39 PM IST

Jawaharlal Nehru Death Anniversary 2023


सागर।देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने आजादी के पहले और उसके बाद सागर का दौरा किया था. इस दौरान वे सागर विश्वविद्यालय गये थे और पुलिस अकादमी का दौरा भी किया था. आज पुलिस अकादमी उन्हीं के नाम से जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी के रूप में जानी जाती है. खास बात ये है कि जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी में पंडित नेहरू के पदचिन्ह और अंगुल चिन्ह सहेजकर रखे गए हैं. जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी के संग्रहालय में जहां उनके सागर दौरे के वक्त के पदचिन्ह और अंगुल चिन्ह के अलावा 1962 में सतना दौरे के भी अंगुल और पदचिन्ह रखे गए हैं. दरअसल, पंडित नेहरू ने दो बार सागर का दौरा किया. उन्होंने सागर विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी का लोकार्पण किया, जिसे आज जवाहर लाल नेहरू लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता है.

1946 में किया था सागर विश्वविद्यालय का दौराः अपनी संपत्ति दान कर सागर विश्वविद्यालय की स्थापना करने वाले डॉ. हरिसिंह गौर देश ही नहीं बल्कि दुनिया में जाने माने कानूनविद थे. जवाहर लालनेहरू और उनके बीच काफी गहरी दोस्ती थी. जब आजादी के पहले डॉ. हरिसिंह गौर ने सागर में विश्वविद्यालय की स्थापना की, तो जवाहरलाल नेहरू ने 1946 के सागर विश्वविद्यालय का दौरा किया था, तब वो देश के प्रधानमंत्री नहीं बने थे. उन्होंने सागर विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी का लोकार्पण किया था, जिसे बाद में उन्हीं के नाम पर जवाहरलाल नेहरू लाइब्रेरी नाम दिया गया. इसी दौरे में उन्होंने सागर को मध्यप्रदेश का स्विटजरलैंड कहा था.

1952 में पुलिस अकादमी पहुंचे थे नेहरू: इसके अलावा प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहरलाल नेहरू 30 अक्टूबर 1952 को सागर आए थे, जहां उन्होंने सागर स्थित ब्रिटिश काल की पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज का दौरा किया था, जो अंग्रेजों की ओर से 1905 में स्थापित किया गया था और 1906 से यहां पुलिस प्रशिक्षण शुरू हुआ था. शुरूआत में इसे पुलिस ट्रेनिंग स्कूल का दर्जा दिया गया था और बाद में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में अपग्रेड किया गया. मध्यप्रदेश गठन के बाद इसे राज्य पुलिस अकादमी का दर्जा दिया गया था. 1952 में जब जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी पहुंचे थे, तो यादगार के तौर पर उनके पद चिन्ह और अंगुल चिन्ह लिए गए थे, जो आज भी अकादमी के संग्रहालय में संरक्षित रखे गए हैं. इसके अलावा पुलिस अकादमी में जवाहरलाल नेहरू के सतना दौरे के दौरान के भी पद चिन्ह और अंगुल चिन्ह रखे गए हैं. उन्होंने सतना का दौरा अपनी मृत्यु के महज दो साल पहले किया था.

क्या कहते हैं जानकारः बुंदेलखंड के इतिहास विशेषज्ञ डॉ. भरत शुक्ला कहते हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री थे और उनका सागर से गहरा नाता था. पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के आजाद होने के पहले डॉ. हरिसिंह गौर के अनुरोध पर सागर आए थे. उन्होंने सागर विश्वविद्यालय में बनाई गई लाइब्रेरी का उद्घाटन किया था, जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू लाइब्रेरी के नाम से जाना जाता है. उसी दौरान उन्होंने मनोरम पहाड़ी पर स्थित सागर विश्वविद्यालय से लाखा बंजारा झील का नजारा देखकर सागर की तुलना स्विटजरलैंड से की थी.

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इसके अलावा प्रधानमंत्री बनने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू 30 अक्टूबर 1952 को सागर आए थे. इस दौरे पर उन्होंने सागर स्थित पुलिस ट्रेनिंग काॅलेज का दौरा किया था. पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में यादगार के तौर पर उनके पदचिन्ह और अंगुलचिन्ह लिए गए थे. उनकी इस स्मृति को आज भी सहेजकर रखा गया है. बाद में उन्हीं के नाम पर उसे जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी का नाम दिया गया. इसकी स्थापना 1905 में की गई थी और 1906 से यहां पुलिस ट्रेनिंग कालेज की शुरूआत हुई थी.

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