सागर। मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव संभागीय महाविद्यालय के प्राचार्यों की बैठक लेने के लिए सागर पहुंचे. इस दौरान मंत्री यादव ने कई अहम विषयों पर चर्चा की. मोहन यादव ने नई शिक्षा नीति के कई बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति से उच्च शिक्षा में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य उच्च शिक्षा पद्धति को और उत्कृष्ट करना है. जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय स्तर पर शोध कार्य ही संपन्न होंगे. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यही है कि केवल डिग्री हासिल करने के लिए छात्र उच्च शिक्षा ना लें.
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय में लंबे समय से कार्यरत अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर भी शासन स्तर पर कमेटी बनाई गई है. जिससे कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से भविष्य में होने वाली सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में अतिथि विद्वानों को लाभ मिल सके. यादव ने कहा कि प्रदेश में 517 शासकीय महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं. इसमें 10 हजार प्राध्यापकों की जरूरत है. वर्तमान में 6,500 नियम शिक्षक शिक्षिकाओं के माध्यम से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है. साथ ही विभाग द्वारा अतिथि विद्वानों और द्वितीय पाठ्यक्रम में अध्यापन कार्य कराया जा रहा है. उनका कहना है कि अतिथि विद्वानों के भविष्य को लेकर सरकार संवेदनशील है.