सागर। एक समय ऐसा था कि खरीफ के सीजन में बुंदेलखंड के किसान ज्यादातर सोयाबीन की फसल यानि पीला सोना उगाते थे. लेकिन पिछले करीब 5 सालों से सोयाबीन की फसल का उत्पादन लगातार गिर रहा था. गिरते उत्पादन को देखते हुए परेशान किसानों ने कृषि विभाग की सलाह पर उड़द और मूंग की फसल खरीफ के सीजन में बोना शुरू की. मौजूदा साल में जहां सागर जिले में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की फसल बोई गई है तो 1 लाख 34 हजार हेक्टेयर में उड़द की फसल बोई गई है
बुंदेलखंड में भारी बारिश से उड़द व मूंग की फसलें तबाह MP Flood एमपी में बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, एक क्लिक में जानिए मौजूदा हालात
फसल में फफूंद लग गई :इस हफ्ते हुई भारी बारिश से उड़द और मूंग की फसल को काफी नुकसान हुआ है. उड़द और मूंग की फसल में फफूंद लग गई है और दाने सफेद पड़ गए हैं. अब परेशान किसान अपनी फसल की बर्बादी के मुआवजे की मांग कर रहा है.कृषि विभाग के उपसंचालक जीएस मालवीय का कहना है कि इस बरसात के कारण सोयाबीन की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. सोयाबीन की फसल को उधर ही नुकसान हुआ है, जहां खेतों में पानी भर गया था. लेकिन उड़द और मूंग की फसल को काफी नुकसान हुआ है. उड़द और मूंग की फसल में फफूंद लग गई है और दाने सफेद पड़ गए हैं. कृषि विभाग और राजस्व विभाग ने मिलकर फसल के नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है.
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