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कर्मचारी कोटे से एडमिशन क्यों नहीं ?

सागर यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के बच्चों को कर्मचारी कोटे से एडमिशन नहीं देने पर हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव,विश्वविद्यालय की एडमिशन सेल के चेयरमैन और विधि विभाग के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है.

admission from employee quota
कोटे से एडमिशन क्यों नहीं

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Published : Feb 18, 2021, 3:03 PM IST

सागर। सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को कर्मचारी कोटे से एडमिशन नहीं दिए जाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है. जबलपुर हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव,विश्वविद्यालय की एडमिशन सेल के चेयरमैन और विधि विभाग के अध्यक्ष को नोटिस दिया है. उच्च न्यायालय ने 24 फरवरी तक सागर विश्वविद्यालय को अपना जवाब पेश करने के लिए कहा है.

क्या है मामला ?

सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के बच्चों को कर्मचारी कोटे के तहत एडमिशन दिया जाता है. डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय घोषित किए जाने के बाद भी कर्मचारी कोटे के तहत एडमिशन दिए जा रहे थे. लेकिन आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के बच्चों को कर्मचारी कोटे से एडमिशन नहीं दिए जा रहे हैं. इस मामले में विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मचारी विजय कुमार रजक ने याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में आरोप लगाया, कि पूर्ण कालिक कुलपति नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अफसर मनमानी कर रहे हैं. कर्मचारियों के बच्चों को कर्मचारी कोटे से एडमिशन नहीं दे रहे हैं.

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कर्मचारी की याचिका पर नोटिस जारी

यूनिवर्सिटी के विधि विभाग में कार्यरत कर्मचारी की याचिका पर जबलपुर उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार संतोष सोहगौरा, विधि विभाग के अध्यक्ष पी पी सिंह और विश्व विद्यालय की एडमिशन सेल के चेयरमैन ए पी मिश्रा को नोटिस जारी किया है. हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए 24 फरवरी तक जवाब देने के लिए कहा है.

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