सागर। महिला अतिथि विद्वान का कहना है कि जब प्राचार्य की आपत्तिजनक मांग पूरी नहीं की तो शासन को झूठी रिपोर्ट सौंपकर सेवाएं समाप्त करा दी गईं. सागर कमिश्नर द्वारा महिला अतिथि विद्वान के आरोपों के आधार पर अतिरिक्त संचालक को नोटिस जारी कर 10 दिन के अंदर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है. सागर कमिश्नर ने कहा है कि सिविल सेवा आचरण नियम के तहत आरोप अनुशासनात्मक कार्रवाई के योग्य है.
कमिश्नर से की गई शिकायत : दमोह जिले के शासकीय महाविद्यालय जबेरा में अतिथि विद्वान पद पर रहीं डॉ. आरती सोनी ने कमिश्नर से की गई शिकायत में कहा है कि अतिरिक्त संचालक जीएस रोहित द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है. झूठी शिकायतों के आधार पर उनकी जांच करवाई जा रही हैं. जब इस मामले में आयुक्त उच्च शिक्षा को शिकायत की तो जीएस रोहित द्वारा कई माध्यमों से सेवा समाप्त करने के लिए धमकाया गया.
देर रात रोककर की अश्लील मांग :शिकायत में महिला अतिथि विद्वान द्वारा कमिश्नर को बताया गया है कि 1 अप्रैल 2022 को किसी जांच का हवाला देकर अतिरिक्त संचालक महाविद्यालय पहुंचे थे और उनके साथ ओएसडी अखिलेश शर्मा भी थे. अतिरिक्त संचालक द्वारा जांच का हवाला देकर रात 8:30 बजे तक उन्हें रोका गया और अकेले में बुलाकर आपत्तिजनक अश्लील बातें की गंई, जिन्हें सुनकर मैं आहत हुई. अतिरिक्त संचालक ने बात ना मानने पर सेवा समाप्त करने की भी धमकी दी और जब मैं रोती हुई अपमानित होकर कक्ष से बाहर आई तो कॉलेज के कुछ सदस्य वहां मौजूद थे, लेकिन दबाव के कारण कोई भी बोलने और हस्तक्षेप के लिए तैयार नहीं हुआ.
मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्ट :शिकायत में महिला अतिथि विद्वान द्वारा लिखा गया कि मैं एक अविवाहित महिला अतिथि विद्वान हूं. शिक्षक जैसे सम्मानीय पद पर काम कर जीवनयापन कर रही हूं. मैं अतिरिक्त संचालक की अश्लील मांग पूरी नहीं कर सकती. इस कारण मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्ट शासन को सौंपकर मेरी सेवाएं समाप्त करवा दी गईं. इसके साथ ही अपनी हरकतों के साक्ष्य छुपाने के लिए जबेरा महाविद्यालय के सीसीटीवी के फोटो भी गायब करवा दिए.