सागर। कमलनाथ सरकार गरीब परिवारों के मासूम बच्चों से पेट का निवाला छीनकर माफियाओं को सुपुर्द कर पोषण आहार में भ्रष्टाचार कर रही है. इससे ज्यादा शर्मनाक और निंदनीय कुछ हो नहीं सकता, ये बयान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश सरकार की कैबिनेट में पोषण आहार के सात प्लांट की जिम्मेदारी बदलने के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कही.
पोषण आहार फैसले पर गोपाल भार्गव का बयान नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के सर्वाधिक कुपोषित बच्चों और महिलाओं का प्रदेश है. कुपोषण को दूर करने के लिए सालों पहले उनके पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए उनकी सरकार ने पोषण आहार के इस काम को महिलाओं के स्व सहायता समूह के हवाले करने का निर्णय लिया था, ताकि बच्चों तक सुव्यवस्थित आहार पहुंचे और महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बने.
उन्होंने कहा कि पोषण आहार का ये काम आजीविका मिशन के माध्यम से किया जाना था. जिसके साथ पोषण आहार के नए प्लांट बनकर भी तैयार हो गए थे. सुप्रीम कोर्ट और इंदौर हाइकोर्ट ने भी इस बारे में निर्देश दिए थे. लेकिन कमलनाथ सरकार ने बुधवार को कैबिनेट में सुप्रीम कोर्ट और इंदौर हाईकोर्ट के निर्देशों की अवहेलना और तत्कालीन भाजपा सरकार के आदेश को भी पलटकर इसे फिर एमपी एग्रो के माध्यम से दलालों को सौंपने का निर्णय लिया, जो कि निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार में नेता, अधिकारी लगातार भ्रष्टाचार कर रहे हैं, ऐसा कोई विभाग नहीं बचा जहां भ्रष्टाचार नहीं हो रहा हो. वही विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में इस विषय पर स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा कराई जाएगी. कैबिनेट में न्यायालय के विरुद्ध जो निर्णय लिया गया है. वो सीधे-सीधे अवमानना की परिधि में आता है.