सागर। अपनी ऐतिहासिक और प्राचीन धरोहरों के लिए बुंदेलखंड प्रसिद्ध है. बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में कई ऐतिहासिक मराठा कालीन मंदिर स्थित है. ऐसा ही मंदिर सागर के ऐतिहासिक किले के नजदीक परकोटा इलाके में स्थित है. जिसमें महालक्ष्मी की करीब 300 साल पुरानी मूर्ति स्थापित है. खास बात ये है कि महालक्ष्मी मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजी हैं. मंदिर में धनतेरस और दीपावली के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है. जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं.(Diwali 2022) ( mahalaxmi temple in sagar) ( 300 years old idol of mahalakshmi in sagar)
मराठाकालीन मंदिर में विराजी हैं महालक्ष्मी :सागर शहर के प्राचीन किले के नजदीकी पर कोटा में मराठा कालीन ऐतिहासिक मंदिर मौजूद है. जहां महालक्ष्मी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है. खास बात यह है कि इस मंदिर में महालक्ष्मी भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के साथ विराजे हुए हैं. बताया जाता है कि ये मंदिर सागर के शासक और बाजीराव के सामंत गोविंद बल्लाल खेर के शासनकाल में बनाया गया था. यह मंदिर मराठा स्थापत्य कला का शानदार नमूना है. मंदिर में विराजी महालक्ष्मी की मूर्ति मनोहारी है. दीपावली के अवसर पर मंदिर में धनतेरस से लेकर भाईदूज तक भक्तों का तांता लगा रहता है. खासकर सागर के मराठी परिवारों के अलावा अन्य जगह के मराठी धर्मावलंबी महालक्ष्मी के दर्शन करने के लिए परकोटा के महालक्ष्मी मंदिर पहुंचते हैं. यहां धनतेरस और दीपावली के दिन विशेष पूजा की जाती है. इसके अलावा दशहरे के दिन भी इस मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि सागर के ऐतिहासिक किले से सटे मंदिर में महालक्ष्मी का पूजन करने पर मनोकामना पूरी होती है.