सागर। फिल्म थ्री इडियट्स में रैंचो (आमिर खान), एक महिला की डिलीवरी करवाता है, जो तेज बारिश के कारण हर तरफ भरे पानी के चलते अस्पताल नहीं पहुंच सकती थी. रैंचो की तरह ही दिल्ली के अस्पताल में काम करने वाले एक ट्रेंड लैब टेक्निशन ने एक महिला का प्रसव कराया. महिला ट्रेन में सफर कर रही थी, उसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा होने लगी, कोई रास्ता नजर नहीं आने पर लैब टेक्निशन ने महिला की डिलीवरी करवाई. अभी बाद मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं.
अपने घर जा रहे थे सुनील
सागर के राजीव नगर में रहने वाले सुनील प्रजापति, नार्दन रेलवे दिल्ली में लैब टैक्निशियन और दिव्यांग हैं. शनिवार को वह दिल्ली से मप्र संपर्क क्रांति से सागर आ रहे थे. ट्रेन के बी-3 में सफर के दौरान उनके सामने वाली सीट पर दमोह जा रही एक गर्भवती महिला भी यात्रा कर रही थी. महिला के साथ उसका भाई भी था. फरीदाबाद स्टेशन निकलने के बाद जब महिला को पेन शुरू हुआ तो उसके भाई और ट्रेन में सवार अन्य यात्री घबरा गए, क्योंकि निजामुद्दीन से छूटने के बाद ट्रेन का अगला स्टॉपेज करीब 10 बजे ग्वालियर होता है. ऐसे में जब किसी को कोई रास्ता नहीं सूझा तो सुनील ने उसके भाई से चर्चा की. भाई ने बताया कि उसकी बहन किरण अहिरवार 30 वर्ष को लेकर वह दमोह जा रहा है. 20 जनवरी को डॉक्टर ने डिलीवरी की डेट दी थी लेकिन पेन पहले ही शुरू हो गया. इस पर सुनील ने मोर्चा संभाला.
महिला डॉक्टर ने वीडियो कॉलिंग से किया गाइड
इसके बादसुनील ने अपने विभाग की महिला डॉक्टर सुपर्णा सेन से फोन पर संपर्क कर पूरी स्थिति बताई. इधर महिला का पेन बढ़ता ही जा रहा था. डॉक्टर ने वीडिया कॉल करने को कहा और डिलीवरी ट्रेन ही कराने की बात कही. इस पर ट्रेन के अगले कोच में ही एक महिला अटैंडर भी आ गई. आनन-फानन में सुनील और लेडी अटैंडर ने वीडिया कॉल के माध्यम से डॉक्टर द्वारा बताई गई प्रोसेस फॉलो की, महिला को सीट पर ही लेटा कर शॉल और मास्क का टैग लगाकर डॉक्टर के बताए अनुसार महिला का प्रसव कराया. इस दौरान करीब पौने 9 बजे महिला ने एक स्वस्थ्य शिशु को जन्म दिया. रेलवे हेड क्वार्टर में इसकी सूचना दी गई, जिसके बाद ट्रेन को मथुरा स्टेशन पर रोका गया. महिला और उसके बच्चे को उतार कर रेलवे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों पूरी तरह से स्वास्थ्य हैं.
जुगाड़ से डिलीवरी