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चुनाव से पहले नहीं थम रहीं भाजपा की मुश्किलें, अब इस गढ़ में बगावत की सुलग रही आग, हर जिले में कद्दावर नेता बढ़ा सकते हैं मुश्किलें - Tough Fight for BJP in Bundelkhand

Tough Fight for BJP in Bundelkhand: बुंदेलखंड में भाजपा के लिए इस चुनाव में मुश्किले कम नहीं हैं. यहां उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बगावत जारी है. यहां के हर जिले में भाजपा के खिलाफ बगावत देखने को मिल रही है. इनमें सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना और टीकमगढ़ जिला शामिल हैं. इससे मानकर चल रहे हैं, कि भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है.

Bundelkhand BJP Equation
बुंदेलखंड में बीजेपी के अपने बने विरोधी

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 28, 2023, 9:16 PM IST

सागर। बुंदेलखंड एक तरह से भाजपा का गढ़ है. भाजपा को बुंदेलखंड से बडी उम्मीदें हैं. मौजूदा चुनाव में टिकट वितरण से उपजे असंतोष से बुंदेलखंड के हर जिले में बगावत देखने मिल रही है. चाहे संभागीय मुख्यालय सागर हो या फिर दमोह, छतरपुर,पन्ना और टीकमगढ. यहां बगावत के चलते भाजपा प्रत्याशी मुश्किल में आ गए हैं. ज्यादातर बगावत जनाधार वाले नेताओं की देखने मिल रही है. ऐसे में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी मुश्किल में आ गए हैं. कई लोग बागी तेवर अपनाकर निर्दलीय या दूसरे दलों से चुनाव मैदान में है. जिन नेताओं ने बगावत नहीं की है, वो भीतरघात की तैयारी में जुटे हैं.

सागर में नेता बगावत कर चुनाव मैदान में:सबसे पहले संभागीय मुख्यालय सागर की बात करें, तो यहां पर तीन सीटों पर भाजपा में बगावत देखने मिली है. सागर से जहां पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर यादव ने भाजपा का दामन छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है और बंडा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. तो दूसरी तरफ सागर से उमा भारती के नजदीकी मुकेश जैन ने टिकट न मिलने पर आप प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है.

इसी तरह सागर शहर से लगी नरयावली विधानसभा में अरविंद तोमर ने बगावत कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. इन तीनों की बगावत से पार्टी को बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है. खासकर बंडा और सागर विधानसभा में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी मुश्किल में नजर आ रहे हैं.

दमोह में बगावत नहीं, तो भीतरघात के आसार:दमोह में भाजपा ने टिकट के दावेदारों को साधने में चूक कर दी है. दमोह विधानसभा क्षेत्र से उम्रदराज जयंत मलैया को फिर प्रत्याशी बनाया है. जबकि, कांग्रेस से भाजपा में आए राहुल सिंह लोधी को विधानसभा 2023 में भी टिकट का वादा किया गया था. उपचुनाव में उन्हें दमोह में करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसके लिए उन्होंने सीधे तौर पर जयंत मलैया को जिम्मेदार माना और पार्टी ने जयंत मलैया को नोटिस भी दिया. लेकिन विधानसभा चुनाव के पहले पार्टी ने एक बार फिर जयंत मलैया को दमोह का टिकट दे दिया.

नाराज राहुल लोधी के बसपा और निर्दलीय चुनाव लड़ने की चर्चा है, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई फैसला नहीं किया है. इसी तरह जबेरा विधानसभा से ऋषि सिंह लोधी टिकट के प्रबल दावेदार थे, पार्टी उन्हें टिकट का भरोसा दिए रही और ऐन वक्त पर अपने विधायक धर्मेन्द्र लोधी को टिकट दे दिया. अब दोनों लोधी नेता अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी में भीतरघात की संभावना बढ़ गई है.

पन्ना में बड़ी बगावत:पन्ना में पवई विधानसभा में भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई है. पवई विधानसभा से भाजपा के कद्दावर नेता संजय नगाईच ने पार्टी के लिए 29 अक्टूबर तक वक्त प्रत्याशी बदले जाने के लिए दिया है. दरअसल, पार्टी ने पवई में विधायक धर्मेन्द्र लोधी को उम्मीदवार बनाया है. इस बात से नाराज संजय नगाईच ने सीधे तौर पर ऐलान कर दिया है कि अगर 29 तक टिकट नहीं बदला, तो वो 30 अक्टूबर को निर्दलीय नामांकन दाखिल करेंगे. यहां कांग्रेस के पूर्व मंत्री मुकेश नायक चुनाव मैदान में है.'

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टीमकगढ में भी पन्ना जैसे हाल:वहीं, टीकमगढ विधानसभा से राकेश गिरी को प्रत्याशी बनाए जाने पर पूर्व विधायक के.के श्रीवास्तव और जनाधार वाले नेता राजेन्द्र तिवारी ने अलग से गठबंधन तैयार करके चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पिछले दिनों करीब 5 हजार कार्यकर्ताओं का बूथ सम्मेलन आयोजित कर दोनों नेताओं ने शक्ति प्रदर्शन कर ऐलान कर दिया है कि अगर 29 अक्टूबर तक प्रत्याशी नहीं बदला, तो 30 अक्टूबर को के.के श्रीवास्तव टीकमगढ़ विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करेंगे.

अपने गढ में बडा नुकसान झेल सकती है भाजपा:इन हालातों से बुंदेलखंड में भाजपा को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. बुंदेलखंड में 2018 में भाजपा की सीट को 26 में से 17 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस बार पार्टी को ये प्रदर्शन दोहराना काफी कठिन होगा. पार्टी के पास अभी दो दिन का मौका है और पार्टी अगर बगावत थामने में कामयाब रही, तो ठीक है. नहीं तो चुनाव में बड़े नुकसान का सामना भाजपा को करना पड़ेगा.

कांग्रेस में भी बगावत, लेकिन भाजपा से कम:बुंदेलखंड में कांग्रेस में भी कई जगह बगावत देखने मिली है. भाजपा जितने बुरे हाल नहीं है. सागर की नरयावली विधानसभा से टिकट ना मिलने से नाराज जिला पंचायत सदस्य शारदा खटीक ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. वहीं निवाड़ी में टिकट की चाहत में भाजपा से कांग्रेस में रोशनी यादव ने बगावत कर दी है. टीकमगढ के खरगापुर में टिकट ना मिलने से नाराज मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव भी बगावत कर चुके हैं. इन सीटों के अलावा कांग्रेस में बुंदेलखंड में बड़ी बगावत देखने नहीं मिली है.

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