सागर। मध्यप्रदेश देश का वह राज्य है, जहां सबसे ज्यादा शिशु मृत्यु दर दर्ज की जाती हैं. शिशु मृत्यु दर पर काबू पाने के लिए सरकार मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए एसएनसीयू (careless doctor in sncu sagar) की व्यवस्था करती है. यहां गंभीर रूप से बीमार और कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाता है. इनके इलाज में कितनी लापरवाही बरती जाती है. इसकी बानगी आपको बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में देखने मिलेगी. जहां स्टाफ नर्स बच्चों की देखभाल छोड़कर मेहंदी (sagar nurses applying mehandi in sncu) लगाने का काम करती हैं.
मेंहदी लगाते स्टाफ नर्स का वीडियो क्या है मामला
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल होते ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया. वीडियो के बारे में बताया गया कि यह वीडियो (sagar nurses video viral) 16 दिसंबर की रात का है. इसमें एसएनसीयू में तैनात स्टाफ नर्स सीमा वर्मा अपनी साथी नर्स से मेहंदी लगवा रही हैं. जबकि एसएनसीयू में गंभीर रूप से बीमार और कुपोषित शिशुओं का इलाज किया जाता है. गौरतलब है कि इसके पहले बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ दीपावली पर पटाखे फोड़ते हुए कैमरे में कैद हो चुका है.
बीएमसी शिशु रोग विभाग ने जारी किया नोटिस
वीडियो के वायरल होते ही बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष ने स्टाफ नर्स सीमा वर्मा को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. स्टाफ नर्स सीमा वर्मा से नोटिस में कहा गया है कि आप एसएनसीयू में रात्रि ड्यूटी के दौरान भर्ती नवजात शिशुओं की देखभाल और उपचार छोड़कर साथी नर्स के साथ बैठकर हाथों में मेहंदी लगा रही हैं. मध्यप्रदेश में नवजात मृत्यु दर देश में सबसे ज्यादा है, जिसे कम से कम करने के लिए शासन द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. इन्हीं प्रयासों के अंतर्गत एसएनसीयू स्थापित कर गंभीर रूप से बीमार नवजात शिशुओं को उपचार प्रदान किया जाता है.
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आमतौर पर एसएनसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट ऑक्सीजन सपोर्ट और जीवन रक्षक और तीनों पर गंभीर व कम वजन वाले बच्चे रहते हैं. ऐसे शिशुओं का उपचार व देखभाल छोड़कर मेहंदी लगाने जैसा कार्य एक गंभीर लापरवाही और कार्य के प्रति निष्ठा में कमी बताता है. जिससे भर्ती शिशुओं की जान को खतरा हो सकता है. नोटिस प्राप्त होने के चार कार्य दिवस के अंदर अपना लिखित स्पष्टीकरण पेश करें कि क्यों न अधिष्ठाता अधीक्षक आप के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई अथवा सेवा समाप्ति की अनुशंसा की जाए.