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Sagar: बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुमित रावत को मिलेगा बिल एंड मेलिंडा गेट्स अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड

बीएमसी के सोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमित रावत को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रोफेशनल डेवलपमेंट अवार्ड से पुरस्कृत किया जाएगा. डॉ. रावत को ये अवार्ड मेडिकल साइंस के क्षेत्र में रिसर्च के लिए दिया जाएगा है. कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में हेपेटाइटिस का शिकार हो रहे बच्चों पर डॉक्टर ने रिसर्च की थी. जिसे पहले डब्ल्यूएचओ ने नकार दिया था, फिर 8 महीने बाद मान्यता दी. बता दें कि डॉ. रावत की रिसर्च नेचर और ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हो चुकी है. (bundelkhand medical college sagar) (Dr rawat research in british medical journal)

bundelkhand medical college sagar
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर

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Published : Oct 2, 2022, 7:29 AM IST

सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुमित रावत को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रोफेशनल डेवलपमेंट अवार्ड के लिए चयनित किया गया है. डॉ. रावत को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में अवार्ड प्रदान किया जाएगा, ये अवार्ड मेडिकल साइंस के क्षेत्र में रिसर्च के लिए दिया जाता है. उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में बच्चों में तेजी से हेपेटाइटिस के लक्षण पर रिसर्च किया था. मध्यप्रदेश में अभी तक इस कैटेगरी में किसी को हासिल नहीं हुआ है. (bundelkhand medical college sagar)

कोरोना के दौर में किया रिसर्च: प्रो. डॉ. सुमित रावत ने बताया है कि "कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे हेपेटाइटिस का शिकार हो रहे थे. बीएमसी में ऐसे बच्चों की संख्या लगातार बढ़ने लगी, तो मैंने बच्चों की बीमारी को लेकर रिसर्च शुरू की. रिसर्च में पता चला कि हेपेटाइटिस उन्हीं बच्चों को हो रहा है जो कोरोना संक्रमित रहे हैं या फिर कोरोना संक्रमित के संपर्क में रहे हैं. इन बच्चों में कोरोना की एंटीबॉडी की जांच की गई तो पता चला कि सभी बच्चों में 100% कोरोना एंटीबॉडी पाई गई. जबकि सामान्य बच्चों में सिर्फ 35% पाई गई थी. इससे साफ हो गया कि हेपेटाइटिस उन्हीं बच्चों को हो रहा है, जो कोरोना संक्रमित रहे हैं."

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डब्ल्यूएचओ ने रिसर्च को नकारा, 8 महीने बाद दी मान्यता: डॉ. रावत ने बताया कि, "रिसर्च को पहले डब्ल्यूएचओ ने रिसर्च को नकार दिया, बाद में जब ये स्थिति दुनिया के दूसरे देशों में बनी और मेरी रिसर्च को आधार बनाकर इलाज हुआ. तब जाकर मेरी रिसर्च को मान्यता मिली और डब्ल्यूएचओ ने भी रिसर्च को आधार बनाकर बच्चों के इलाज की गाइडलाइन जारी की. डॉ. रावत की रिसर्च नेचर और ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हो चुकी है, उन्हें स्कॉलरशिप और 1000 अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की जाएगी. (Dr rawat research in british medical journal)

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