सागर।जिले के सिरोंजा में बुंदेलखंड विकास पैकेज के तहत स्थापित किया गया डेयरी प्लांट सागर संभाग के सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी दमोह जिले से रोजाना करीब एक लाख लीटर दूध खरीदता है. सहकारी व्यवस्था के अंतर्गत ये दूध सीधे पशुपालकों से ना खरीदकर सहकारी समितियों के माध्यम से खरीदा जा रहा है. स्थानीय पशुपालकों को बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ में समितियों के माध्यम से दूध देने में अच्छा मुनाफा हो रहा है और लगातार पशुपालक बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ से समितियों के माध्यम से जुड़ रहे हैं. फिलहाल स्थिति ये है कि रोजाना 1 लाख 25 हजार से 1 लाख 30 हजार लीटर बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ समितियों के माध्यम से दूध खरीद रहा है.
बुंदेलखंड के दूध की भारी डिमांड :बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ ने बहुत कम समय में बड़ी सफलता अर्जित की है. दरअसल, बुंदेलखंड इलाके के buffalo milk की गुणवत्ता से इसकी मांग चारों तरफ बढ़ रही है. महाराष्ट्र की गोकुल डेयरी buffalo milk की गुणवत्ता के चलते रोजाना 25 से 30 हजार लीटर दूध बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के प्लांट से ले रही है. वहीं गोकुल डेयरी ने अपनी मांग बढाने के लिए कहा है और भविष्य में रोजाना 40 हजार लीटर दूध की मांग गोकुल डेयरी से मिलने के आसार हैं. इसके अलावा बिहार अपनी मांग के हिसाब से दूध की पूर्ति नहीं कर पा रहा है. इसलिए बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ से रोजाना 25 हजार से 30 हजार लीटर दूध और उनके उत्पाद खरीद रहा है.
अन्य राज्यों से भी संपर्क :बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ के दूध की महाराष्ट्र और बिहार में बढ़ती मांग को देखते हुए दुग्ध संघ उन इलाकों पर फोकस कर रहा है. जहां buffalo milk की मांग बहुत ज्यादा है और मांग के लिहाज से पूर्ति नहीं हो पाती है. बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध महासंघ की नजर दक्षिण भारत के प्रदेशों पर है. जहां buffalo milk की मांग के लिहाज से उपलब्धता काफी कम है. इसके साथ ही बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध महासंघ उन इलाकों पर भी अपनी बिक्री पर फोकस कर रहा है. जहां के स्थानीय उत्पाद गुणवत्ता के मामले में कमजोर है और लोगों को शुद्ध दूध नहीं मिल रहा है.