सागर।मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड की सियासत में अजेय योद्धा के नाम से चर्चित गोपाल भार्गव को लेकर अंदाजा लगाया जा रहा था कि लगातार आठ चुनाव लड़ने और जीतने के बाद गोपाल भार्गव 2023 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, वे अपने बेटे अभिषेक भार्गव को चुनाव मैदान में उतारेंगे, लेकिन जैसे-जैसे चुनाव का माहौल जोर पकड़ता गया, तो गोपाल भार्गव ने पहले अपने गुरु के आदेश पर फिर चुनाव लड़ने की बात कही. नाम के एलान के बाद उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जबलपुर में मुलाकात के दौरान उन्होंने चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था. जब मैंने चुनाव न लड़ने की बात कही, तो उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए बोला और कहा कि हम आपकी व्यवस्था करेंगे.
ऐसी स्थिति में गोपाल भार्गव नौवी बार रहली विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. अब तक लड़े आठ चुनाव में उन्हें जीत ही हासिल हुई है. 1985 से गोपाल भार्गव लगातार विधायक हैं और 2003 से लगातार मंत्री पद पर हैं. 15 महीने की कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे. तब भी उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था. चुनाव की बेला में गोपाल भार्गव ने ईटीवी भारत के संवाददाता कपिल तिवारी से खास बात की.
सवाल: लगातार आठ चुनाव लड़ने और जीतने के बाद आप इस बार चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे, लेकिन पीएम मोदी ने ऐसा क्या कह दिया कि नौवी बार चुनाव लड़ने तैयार हो गए?
जवाब: यह हमारे बीच की बात है, जिसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. जहां तक मोदी जी के आदेश पर चुनाव लड़ने की बात है तो हाई कमान जब टिकट देता है, तो इसका मतलब होता है कि हाई कमान की इच्छा चुनाव लड़ने की है.
सवाल: 40 साल की राजनीति में अपने विकास और सामाजिक न्याय पर फोकस किया है, लेकिन चुनाव में आपको जातिवाद का सामना करना पड़ता है?