सागर। शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. सागर के एक युवक सीताराम पटेल ने सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पेश कर उसके पिता को प्रस्तुत करने की गुहार लगाई थी. युवक ने कोर्ट में कहा था कि 2016 में उसके पिता को गोविंद सिंह राजपूत ने एक केस के सिलसिले में मिलने बुलाया था, उसके बाद उसके पिता घर वापस नहीं आए. हालांकि बाद में याचिका लगाने वाले युवक ने भाजपा से निष्कासित नेता पर पैसों का लालच देकर मंत्री के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी.
क्या है मामला: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और प्रदेश की शिवराज सरकार में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (किसी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिए) को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है. याचिकाकर्ता ने खुद कोर्ट में उपस्थित होकर याचिका को वापस लेने का आवेदन लगाया था. सुप्रीम कोर्ट में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सीताराम पटेल ने अपने पिता की गुमशुदगी के मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी. याचिकाकर्ता का आरोप था कि 22 अगस्त 2016 को उसके पिता को गोविंद सिंह राजपूत ने मिलने के लिए बुलाया था ,मंत्री से मिलने गए उसके पिता आज तक लापता हैं. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसके पिता ने तहसीलदार कोर्ट में गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ जमीन के मामले में केस लगाया था, जो जमीन को लेकर था.
BJP से निष्कासित नेता को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत से जान का खतरा, जमीन की हेराफेरी का किया खुलासा