सागर। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार भाई दूज आने वाला है. सूर्य ग्रहण के कारण भाई दूज की तिथि को लेकर कई तरह की भ्रांतियां है. भाई दूज क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे शास्त्रों में क्या मत है और सूर्य ग्रहण के कारण भाई दूज कब मनाया जाएगा. इसको लेकर ज्योतिषाचार्य का कहना है कि यमराज और उनकी बहन यमुना के कारण भाई दूज का पर्व शुरू हुआ है. हालांकि भगवान कृष्ण और सुभद्रा की कहानी भी भाई दूज से जुड़ी हुई है. वहीं द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर के दोपहर के बाद शुरू हो जाएगी. इसलिए भाई दूज 26 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा. (bhai dooj 2022) (bhai dooj related historical stories) (bhai dooj shubh muhurat)
यमराज ने दिया बहन यमुना के लिए वरदान:ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ श्याम मनोहर चतुर्वेदी बताते हैं कि भाई दूज मनाने की कई पौराणिक मान्यताएं हैं. उसमें से प्रमुख मान्यता है कि यमराज की बहन यमुना जो सूर्य और छाया की पुत्री हैं. यमुना बार-बार अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाती थी, लेकिन यमराज इसलिए नहीं जाते थे, क्योंकि यमराज जहां जाते हैं वहां मृत्यु निश्चित है. यमुना के बार-बार आग्रह पर यमराज गए तो बहन ने बहुत अच्छा स्वागत सत्कार किया और उन्हें भोजन भी कराया. तब यमराज ने कहा कि तुम वरदान मांगों क्या चाहिए है. तब यमराज से बहन यमुना ने वरदान मांगा कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया के दिन जो भी भाई बहन के यहां जाता है तो उसकी अकाल मृत्यु ना हो और संकट से बचा रहे, तब से भाई दूज पर्व की परंपरा शुरू हुई है.
जब भगवान कृष्ण ने दिया सुभद्रा को वचन:दूसरी मान्यता भगवान कृष्ण और उनकी बहन सुभद्रा को लेकर है. इस मान्यता के अनुसार जब भगवान कृष्ण नरकासुर का वध करके पहुंचे, तो बहन सुभद्रा ने उनका काफी स्वागत सत्कार किया. बहन के स्वागत से प्रसन्न में भगवान श्रीकृष्ण ने सुभद्रा को दिया कि कृष्ण उनकी हमेशा रक्षा करेंगे और साथ में कहा कि जो भी भाई भाई दूज के दिन अपनी बहन के यहां जाएगा, उसके संकट टल जाएंगे.