भोपाल। करीब ढाई साल इंतजार के बाद मध्यप्रदेश में चयनित शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है, अंतिम सूची जारी होने के बाद शिक्षकों की जॉइनिंग प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. भोपाल जिले में 50 फीसदी से अधिक शिक्षकों की दो दिनों के अंदर जॉइनिंग करा दी गई. हालांकि, प्रॉपर जानकारी के अभाव में शिक्षकों को भटकना पड़ रहा है. लोक शिक्षण संचालनालय ने नियुक्ति पत्र जारी कर दिया है. करीब 12043 चयनित शिक्षकों के नाम नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं. अंतिम चयन सूची में 8342 उच्च माध्यमिक शिक्षक और 3701 माध्यमिक शिक्षक हैं.
भारत को 11 लाख शिक्षकों की जरूरत है, एक लाख से अधिक स्कूलों को चला रहे हैं सिर्फ एक टीचर
जानकारी के अभाव में इधर-उधर भटक रहे गुरूजी
भोपाल की क्रांति वर्मा का नाम प्रदेश की चयनित शिक्षकों की सूची में है, उन्हें नियुक्ति पत्र भी मिल गया है, लेकिन जानकारी के अभाव में वे भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंच गईं, जबकि सीहोर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जॉइनिंग लेनी थी, उसके बाद संबंधित स्कूल में पहुंचना है. क्रांति वर्मा करीब आधे घंटे तक परेशान रहीं, फिर कार्यालय से पुष्टि के बाद सीहोर रवाना हो गई. वहीं भोपाल के ही सौरभ कुमार दीक्षित भी नियुक्ति पत्र मिलने के बाद जॉइनिंग के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे तो दस्तावेजों के सत्यापन के दौरान पता चला कि उन्हें एक एफिडेविट भी जमा करना है, इसके लिए उन्हें कार्यालय से बाहर जाना पड़ा. उनका कहना था कि यदि पहले से पता होता तो वह एफिडेविट बनवा कर लाते तो समय की बचत हो जाती.
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करते शिक्षक 10 दिन के अंदर दूसरी सूची जारी करे सरकार: संघ
चयनित शिक्षक संघ के अजमत भट ने सरकार से मांग की है कि वो जल्द ही बाकी चयनित शिक्षकों की दूसरी सूची जारी करे, लोक शिक्षण संचालनालय ने उच्च माध्यमिक के 15000 पद और माध्यमिक के 5670 रिक्त पद निकाले थे. हाल ही में जारी अंतिम चयन सूची में 12043 शिक्षक शामिल हैं. मतलब साफ है कि 20670 पदों में से केवल 12043 पदों पर ही नियुक्ति की गई है, जिसकी वजह से अभ्यर्थियों में रोष है, चयनित शिक्षक संघ ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है, अगर 10 दिन के अंदर दूसरी सूची जारी नहीं की जाती तो संघ फिर से शिक्षा मंत्री और डीपीआई का घेराव करेगा. साल 2018 में 30000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, फरवरी-मार्च 2018 में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया था, जिसके तहत वर्ग एक और वर्ग 2 के लिए करीब 5 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, इसमें से ढाई लाख अभ्यर्थी पास हुए थे, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने केवल 20670 पद ही स्वीकृत किए थे.
सागर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करते शिक्षक सागर शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षकों ने डाला डेरा
सागर में चयनित शिक्षकों के दस्तावेजों की सत्यापन पहले ही दिन अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया. ऐसी स्थिति में आज दोबारा शिक्षक सत्यापन के लिए पहुंचे हैं, एक तरफ भर्ती के लिए इंतजार और दूसरी तरफ नियुक्ति का आदेश मिलने के के बाद सत्यापन की धीमी प्रक्रिया के कारण चयनित शिक्षक काफी परेशान हैं, चयनित शिक्षक जल्द जॉइन करना चाहते हैं, लेकिन बार-बार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटना पड़ रहा है और लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. सागर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दस्तावेजों के सत्यापन के लिए 8 अक्टूबर को दोबारा पहुंचना पड़ा. हालांकि, आज चार टीमें गठित कर तेजी से सत्यापन का काम निपटाया गया. जिन विद्यालयों में चयनित शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, वहां 15 दिन के अंदर पहुंचना है, जबकि सत्यापन प्रक्रिया में एक व्यक्ति के लिए 2 से 3 दिन का समय लग रहा है. ऐसी स्थिति में चयनित शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में डेरा डाले हुए हैं.
क्या कहते हैं चयनित शिक्षक
उच्चतर शिक्षक में हिंदी विषय में प्रदेश भर में प्रथम वरीयता हासिल करने वाले हजरत खान बताते हैं कि सत्यापन प्रक्रिया के पहले दिन बड़ी संख्या में चयनित शिक्षक पहुंच गए और अफरातफरी का माहौल बन गया. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सिर्फ एक टीम सत्यापन की प्रक्रिया में लगी थी, इसलिए काफी टाइम लग रहा था, आज तीन टीमें और बनाई गई हैं, इसलिए संतोषजनक स्थिति है. वही भिंड के खलील मोहम्मद का चयन संस्कृत के उच्चतर शिक्षक के रूप में हुआ है. रात करीब 2 बजे खलील सागर पहुंचे थे और चाहते थे कि आज उनका सत्यापन हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है, देर से दस्तावेज सत्यापन के चलते उन्हें वहीं रात गुजारनी पड़ेगी. वहीं माध्यमिक शिक्षक के रूप में चयनित सतीश प्रजापति बताते हैं कि पहले दिन उच्चतर शिक्षकों के सत्यापन की प्रक्रिया रखी गई थी और माध्यमिक शिक्षकों को आज सत्यापन के लिए बुलाया गया है, यहां आकर मालूम पड़ा कि बीते दिन उच्चतर शिक्षकों का सत्यापन नहीं हो पाया था, इसलिए आज उनका सत्यापन किया जा रहा है.
तीन साल बाद शिक्षकों को मिल रही नियुक्ति इंदौर में 500 से अधिक शिक्षकों का होना है सत्यापन
इंदौर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर भी शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन के साथ जॉइनिंग की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है, इंदौर में करीब 500 से अधिक शिक्षकों का सत्यापन होना है. इंदौर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शिक्षकों के दस्तावेज सत्यापन और जॉइनिंग प्रक्रिया को लेकर चयनित शिक्षकों से बात की गई तो सामने आया कि दस्तावेजों के सत्यापन में देरी हो रही है. दूसरे दिन जब जॉइनिंग लेटर मिलना था, तब कार्यालय से कुछ समय के लिए अधिकारी नदाराद हो गए, शिक्षकों का कहना है कि वह सुबह से ही कार्यालय पहुंच गए थे, लेकिन प्रक्रिया काफी देरी से शुरू हुई.
आज नहीं तो सोमवार तक करना पड़ेगा इंतजार
दस्तावेजों का सत्यापन करा चुके शिक्षकों का कहना है कि उनके द्वारा कल ही दस्तावेजों का सत्यापन करा लिया गया था, आज केवल उन्हें जॉइनिंग देकर रिलीव किया जाना था, पर जब वे सुबह पहुंचे तो अधिकारी कार्यालय पर नहीं मिले, अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना उन्हें रिलीव नहीं किया जा सकता था, जिन्हें शहर से बाहर के स्कूल मिले हैं, उन्हें वहां पहुंचने में भी समय लगेगा, आज यह प्रक्रिया नहीं की जाती है तो उन्हें स्कूलों में पहुंचने और जॉइनिंग के लिए सोमवार तक इंतजार करना पड़ेगा. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मौजूद अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक नरेंद्र जैन नका कहना है कि कार्यालय में कल से ही सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, 59 शिक्षकों को जॉइनिंग देकर रिलीव कर दिया गया है.
सवालों के घेरे में जबलपुर में शिक्षकों की नियुक्ति चयनित शिक्षकों की सूची के अंतिम पेज पर फंसा पेंच
जबलपुर जिला शिक्षा कार्यालय में भी 2 साल से जॉइनिंग का इंतजार कर रहे चयनित शिक्षकों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिला शिक्षा कार्यालय और ज्वाइंट डायरेक्टर एजुकेशन के पास चयनित शिक्षकों की कोई सूची नहीं है, ज्वाइंट डायरेक्टर भोपाल गए हुए हैं और उनके ऑफिस के कर्मचारियों का कहना है कि जो इंटरनेट पर सूची वायरल है, वही सूची सही है, अधिकारियों का कहना है कि उनके पास भी विभाग की ओर से कोई सूची नहीं आई है, जिन लोगों के पास जॉइनिंग लेटर आ रहे हैं, वह दस्तावेज सत्यापित करा रहे हैं, अभी सत्यापन का दौर चल रहा है, जो कई दिनों तक चलेगा. अभी तक 100 से ज्यादा शिक्षकों का सत्यापन हो चुका है.
कोरा रह गया चयनित शिक्षकों की सूची का 10वां पेज
वहीं सत्यापन कराने पहुंची महिला ने वायरल लिंक को अधिकारियों के सामने शेयर किया और इसमें जैसे ही उसने हिस्ट्री डिपार्टमेंट के चयनित शिक्षकों की सूची का 10वां पेज डाउनलोड किया तो उसमें एक भी शब्द समझ में नहीं आ रहा था, जब उसने अपनी परेशानी रखी तो उन्होंने मदद करने से ही मना कर दिया. उनका कहना है कि उन्हें भी सोशल मीडिया के जरिए वायरल लिस्ट ही मिली है, जब इसकी पड़ताल की तो देखा कि केवल इतिहास में ही नहीं दूसरे भी कई विषयों का अंतिम पेज नहीं खुल रहा है, जबकि उसमें कई लोगों के नाम हैं. अब महिला डरी हुई है कि उसका नाम सार्वजनिक हो गया तो उसे नौकरी नहीं मिलेगी, इसलिए उसने अपना नाम नहीं बताया.
तीन साल बाद शिक्षकों को मिल रही नियुक्ति जॉइनिंग लेटर मिलते ही खुशी से उछल पड़े शिक्षक
भिंड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भी चयनित शिक्षकों को भीड़ लगी है, कोई पहले ही आकर अपना लेटर ले गया तो कोई सुबह से अपनी बारी का इंतजार कर रहा है, जिसको जॉइनिंग लेटर मिल गया उसकी बाछें खिली हैं, जिन्हें नहीं मिला वो इधर-उधर भागदौड़ कर रहे हैं. भिंड डीईओ ऑफिस में नियुक्ति के लिए पहुंची प्रीति मिश्रा ने बताया कि सारी फॉर्मेलिटी पूरी हो गई है, कल उन्हें जॉइनिंग लेटर मिल जाएगा, जिसके बाद वे अपने स्कूल पहुंच कर जॉइनिंग लेंगी. उन्होंने बताया कि परीक्षा के बाद पूरा समय टेंशन में ही गुजरा है, अब सब कुछ अच्छे से हो जाएगा, कहते हैं की सब्र का फल मीठा हो तो इंतजार भी सफल हो जाता है.
जल्द मिलती जॉइनिंग तो दोगुनी हो जाती खुशी
शिक्षिका इशरत खान ने बताया कि पहले ही पोस्टिंग हो जाती तो और खुशी होती, अब आखिरकार पोस्टिंग मिल ही गयी है, कुछ कर दिया सरकार ने तो अच्छा है. उम्मीद नहीं थी किसी को कि फाइनल लिस्ट आने के अगले दिन पोस्टिंग का नोटिफिकेशन आ जाएगा. प्रक्रिया में थोड़ी परेशानी हुई क्योंकि घर से दूर ग्वालियर आना पड़ा, हालांकि ज्यादा मुश्किलें नहीं हैं. वहीं दुर्गेश शर्मा ने बताया कि परीक्षा होने के बाद भी इस प्रक्रिया को काफी लम्बा खींचा गया, बार-बार वेरिफिकेशन किए गए, 2-3 साल से बहुत परेशान थे, भविष्य को लेकर सब परेशान थे, आजीविका के लिए कोचिंग शुरू किये तो कोरोना में वो भी ठप हो गया. भिंड जिले में करीब 200 से ज़्यादा चयनित शिक्षकों को नियुक्ति का इंतजार था, जिनमे से 130 से ज्यादा नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. बाकी का भी जल्द ही पूरा हो जाएगा.