सागर। वैसे तो खेलों में राजनीति आपने काफी सुनी होगी, लेकिन राजनीति में भी खेल का बहुत अहम रोल होता है. दरअसल इन दिनों मध्यप्रदेश में खेल से जुड़े धुरंधर युवाओं को राजनीति से जोड़ने के लिए मंत्री तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. इसी कड़ी में जगह-जगह क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन राजनेताओं द्वारा कराया जा रहा है. इसी कड़ी में प्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के क्षेत्र में उनके बेटे आकाश सिंह राजपूत द्वारा क्रिकेट महाकुंभ का आयोजन किया गया है. खास बात ये है कि इस टूर्नामेंट को सफल और लोकप्रिय बनाने के लिए अभिनय के क्षेत्र में किस्मत आजमा चुके आकाश राजपूत ने थीम सांग भी तैयार किया है. इस थीम सांग में जहां आकाश ने खुद आवाज दी है, तो वीडियो में भी वहीं नजर आ रहे हैं.
राजस्व परिवहन मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में क्रिकेट महाकुंभ
ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी और शिवराज सरकार में राजस्व और परिवहन जैसे अहम विभागों का जिम्मा संभाल रहे गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी में गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत ने क्रिकेट महाकुंभ का आयोजन शुरू किया है. विधानसभा क्षेत्र के 5 इलाकों में नॉकआउट टूर्नामेंट हो रहा है. अंत में 4 टीमों का चयन करके सेमीफाइनल होगा और बाद में फाइनल मैच होगा, जिसमें किस क्रिकेटर की किसी बड़ी हस्ती को बुलाया जाएगा.
मंत्री पुत्र ने खुद बनाया टूर्नामेंट का थीम सांग
टूर्नामेंट को लोकप्रिय बनाने के लिए और युवाओं को आकर्षित करने के लिए मुंबई में अदाकारी में अपना जौहर दिखा चुके आकाश राजपूत ने टूर्नामेंट के लिए थीम सांग तैयार किया है. खास बात यह है कि 'खेलेगा सुरखी और जीतेगा सुरखी' थीम सांग के वीडियो में अभिनेता के तौर पर खुद नजर आ रहे हैं, तो जोश भरने वाले इस गीत को आवाज भी आकाश सिंह राजपूत ने दी है.
स्थानीय प्रतिभा को मंच देने के लिए किया प्रयास
क्रिकेट महाकुंभ के आयोजन को लेकर ईटीवी भारत से खास बातचीत में आकाश सिंह राजपूत कहते हैं कि 'हमारा प्रयास है कि हमारे गांव के लोगों को बढ़ावा मिले. इस क्रिकेट का आयोजन इसी उद्देश्य किया जा रहा है, जिसका नाम क्रिकेट महाकुंभ दिया गया है, महाकुंभ इसलिए क्योंकि 400 से ज्यादा टीमें इस टूर्नामेंट में भाग ले रही हैं. ये नॉक आउट टूर्नामेंट है. सुरखी विधानसभा के 5 मंडलों में लगातार रोज चार मैच हो रहे हैं, हमारा प्रयास है कि सुरखी स्थानीय प्रतिभा को आगे बढ़ने का मौका मिले. इस टूर्नामेंट को लेकर लोगों में बड़ा उत्साह है, जो लोग इस टूर्नामेंट में हार जाते हैं, उनका मनोबल बढ़ाने के लिए भी पुरस्कार की व्यवस्था की है कि वह उदास ना हो और आगे खेलते रहे, क्योंकि जीत तो सुरखी की ही होगी.'