सागर।भाजपा ने पार्टी के तमाम दावेदारों को ताक पर रखकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सुशील तिवारी की पत्नी को प्रत्याशी बनाया है. सुशील तिवारी कांग्रेस में रहते हुए 2 बार बीजेपी के मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन से चुनाव हार चुके हैं. कांग्रेस से आए व्यक्ति को टिकट देने से पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता नाराज हैं. वहीं विधायक अपनी पसंद का महापौर टिकट ना मिलने से नाराज हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने सागर विधायक की बहू को प्रत्याशी बनाया है. ऐसी स्थिति में चुनाव में भितरघात की संभावना बढ़ गई है.
पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा :सत्ताधारी दल भाजपा से सागर नगर निगम के महापौर पद के प्रत्याशी के लिए दावेदारों की संख्या करीब एक दर्जन से ज्यादा थी. इनमें ज्यादातर दावेदार पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता और पदाधिकारी थे, जो खुद की पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे या फिर सक्रिय महिलाएं टिकट मांग रही थी, जिनमें रितु श्याम तिवारी प्रतिभा अनिल तिवारी शिखा हर्षित पांडे प्रतिभा चौबे मेघा दुबे और संध्या भार्गव जैसे नाम प्रमुख थे. यह सभी लोग पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता और पदाधिकारी है लेकिन भाजपा ने पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को ताक पर रखकर संगीता सुशील तिवारी को प्रत्याशी बना दिया.
विधायक शैलेंद्र जैन की नहीं सुनी : संगीता कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए सुशील तिवारी की पत्नी हैं. सुशील तिवारी 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके पहले 2008 और 2013 में सुशील तिवारी कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन से दो बार चुनाव हार चुके हैं. शैलेंद्र जैन अपने समर्थक को टिकट दिलाना चाहते थे. उनकी मंशा थी कि पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता को टिकट मिले लेकिन उनकी मंशा के विपरीत कांग्रेसी भाजपा में शामिल हुए नेता को टिकट दे दिया गया टिकट की घोषणा के साथ ही भाजपा ने जश्न मनाया लेकिन विधायक सहित अन्य दावेदार जश्न में शामिल नहीं हुए.
मान मनौव्वल के बाद भी विधायक नाराज :पार्टी और महापौर पद के प्रत्याशी के पति सुशील तिवारी के विधायक की नाराजगी का अंदाजा लग गया. सोमवार सुबह सुशील तिवारी अपनी प्रत्याशी पत्नी संगीता तिवारी के साथ विधायक के घर भी पहुंचे. करीब 1 घंटे मुलाकात भी चली, लेकिन उसके बाद भी विधायक शैलेंद्र जैन ने घर पर रहना भी ठीक समझा, जबकि विधायक शैलेंद्र जैन सुबह से देर रात तक विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता के लिए जाने जाते हैं लेकिन टिकट घोषणा के बाद विधायक अभी तक सार्वजनिक तौर पर नजर ही नहीं आए हैं. वहीं जिला भाजपा कार्यालय में हुई जिला और संभागीय चयन समिति की बैठक में भी विधायक नदारद रहे.