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Mayor Election Sagar MP : सागर महापौर के टिकट की घोषणा के बाद BJP में घमासान, विधायक ने बनाई दूरी, जमीनी कार्यकर्ता भी नाराज - BJP जमीनी कार्यकर्ता भी नाराज

सागर में काफी कशमकश के बाद सागर नगर निगम के महापौर पद पर भाजपा ने संगीता सुशील तिवारी को प्रत्याशी घोषित किया. लेकिन प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही भाजपा में जमकर नाराजगी दिखाई दे रही है. खासकर सागर के बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन टिकट की घोषणा के बाद पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में नजर नहीं आए. वहीं दूसरी तरफ पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता,जो महापौर पद के दावेदार थे, वह भी टिकट घोषणा के बाद नदारद नजर आ रहे हैं. (Ruckus in Sagar BJP Mayor candidate) (Sagar BJP MLA made distance) (BJP ground workers also angry)

Ruckus in Sagar BJP Mayor candidate
सागर बीजेपी में घमासान

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Published : Jun 20, 2022, 6:28 PM IST

सागर।भाजपा ने पार्टी के तमाम दावेदारों को ताक पर रखकर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए सुशील तिवारी की पत्नी को प्रत्याशी बनाया है. सुशील तिवारी कांग्रेस में रहते हुए 2 बार बीजेपी के मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन से चुनाव हार चुके हैं. कांग्रेस से आए व्यक्ति को टिकट देने से पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता नाराज हैं. वहीं विधायक अपनी पसंद का महापौर टिकट ना मिलने से नाराज हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने सागर विधायक की बहू को प्रत्याशी बनाया है. ऐसी स्थिति में चुनाव में भितरघात की संभावना बढ़ गई है.

सागर बीजेपी में घमासान

पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा :सत्ताधारी दल भाजपा से सागर नगर निगम के महापौर पद के प्रत्याशी के लिए दावेदारों की संख्या करीब एक दर्जन से ज्यादा थी. इनमें ज्यादातर दावेदार पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता और पदाधिकारी थे, जो खुद की पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे या फिर सक्रिय महिलाएं टिकट मांग रही थी, जिनमें रितु श्याम तिवारी प्रतिभा अनिल तिवारी शिखा हर्षित पांडे प्रतिभा चौबे मेघा दुबे और संध्या भार्गव जैसे नाम प्रमुख थे. यह सभी लोग पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता और पदाधिकारी है लेकिन भाजपा ने पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं को ताक पर रखकर संगीता सुशील तिवारी को प्रत्याशी बना दिया.

विधायक शैलेंद्र जैन की नहीं सुनी : संगीता कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए सुशील तिवारी की पत्नी हैं. सुशील तिवारी 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए थे. इसके पहले 2008 और 2013 में सुशील तिवारी कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन से दो बार चुनाव हार चुके हैं. शैलेंद्र जैन अपने समर्थक को टिकट दिलाना चाहते थे. उनकी मंशा थी कि पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता को टिकट मिले लेकिन उनकी मंशा के विपरीत कांग्रेसी भाजपा में शामिल हुए नेता को टिकट दे दिया गया टिकट की घोषणा के साथ ही भाजपा ने जश्न मनाया लेकिन विधायक सहित अन्य दावेदार जश्न में शामिल नहीं हुए.

मान मनौव्वल के बाद भी विधायक नाराज :पार्टी और महापौर पद के प्रत्याशी के पति सुशील तिवारी के विधायक की नाराजगी का अंदाजा लग गया. सोमवार सुबह सुशील तिवारी अपनी प्रत्याशी पत्नी संगीता तिवारी के साथ विधायक के घर भी पहुंचे. करीब 1 घंटे मुलाकात भी चली, लेकिन उसके बाद भी विधायक शैलेंद्र जैन ने घर पर रहना भी ठीक समझा, जबकि विधायक शैलेंद्र जैन सुबह से देर रात तक विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता के लिए जाने जाते हैं लेकिन टिकट घोषणा के बाद विधायक अभी तक सार्वजनिक तौर पर नजर ही नहीं आए हैं. वहीं जिला भाजपा कार्यालय में हुई जिला और संभागीय चयन समिति की बैठक में भी विधायक नदारद रहे.

सागर बीजेपी में घमासान

टिकट के दावेदार भी नाराज होकर घर बैठे : भाजपा की तरफ से टिकट की दावेदारी कर रहे श्याम तिवारी, अनिल तिवारी, प्रतिभा चौबे, मेघा दुबे के अलावा अन्य दावेदार भी टिकट घोषणा के बाद पार्टी की गतिविधियों और चुनाव के प्रचार प्रसार में नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि महापौर पद की प्रत्याशी संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी सबके घर पहुंच कर सबको मनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी तक नाराजगी कायम हैं. वैसे भी कांग्रेस प्रत्याशी निधि जैन सागर के बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन के छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी हैं.

सागर बीजेपी में घमासान

तीन बार विधायक हैं शैलेंद्र जैन :अपनी बहू का टिकट घोषित होने के बाद भी शैलेंद्र जैन ने साफतौर पर पार्टी का काम करने का ऐलान किया था और पार्टी के पक्ष में उन्होंने प्रचार प्रसार की शुरू कर दिया था, लेकिन टिकट की घोषणा के साथ शैलेंद्र जैन नाराज नजर आ रहे हैं. लगातार तीन बार से विधायक रहे शैलेंद्र जैन का सागर शहर में अच्छा प्रभाव है. वैसे भी भाजपा द्वारा ब्राह्मण को टिकट दिए जाने के बाद जैन मतदाता कांग्रेस की तरफ झुक सकता है और विधायक की नाराजगी अगर दूर नहीं की गई तो जैन मतदाता बीजेपी से छिटक सकते हैं. इसके अलावा जिन जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया गया है, वह भी पार्टी से भितरघात कर सकते हैं.

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मंत्री टाल गए विधायक की नाराजगी का सवाल : भाजपा के टिकट वितरण को लेकर हुई प्रेसवार्ता में जिले के तीनों मंत्री के अलावा संभाग के कद्दावर नेता मौजूद थे, लेकिन इस वार्ता में स्थानीय विधायक शैलेंद्र जैन नजर नहीं आए।.जब नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से शैलेंद्र जैन की नाराजगी की वजह पूछी गई तो उनका जवाब था कि इस बैठक में विधायकों को नहीं बुलाया गया है. सिर्फ समिति के सदस्यों को बुलाया गया है. शैलेंद्र जैन जल्द ही महापौर पद के प्रत्याशी के चुनाव की कमान संभालेंगे और उन्हीं की देखरेख में चुनाव होगा.

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