सागर।कोरोना की दूसरी लहर (2nd Wave of coronavirus) में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी के चलते कई ऐसे लोगों की जान चली गई जिन्हें बचाया जा सकता था. कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन और इंजेक्शन उपलब्ध कराने में नाकाम रही सरकार ने आनन फानन में बीना रिफाइनरी (Bina Refinery) की ऑक्सीजन पर आधारित 1 हजार बेड का कोविड अस्पताल (Covid hospital) खोलने का एलान किया था. हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर जब चरम पर थी. तब ये अस्पताल शुरू नहीं हो पाया था. जैसे-तैसे महज 200 बैड की अस्पताल शुरू हुआ था.
कैसे करेंगे कोरोना की तीसरी लहर का सामना, कोविड अस्पताल का बिजली बिल नहीं भर पा रहा प्रशासन - सागर समाचार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बीना रिफाइनरी (Bina Refinery) क्षेत्र में 200 बेड के अस्थाई कोविड अस्पताल (Covid Hospital) का शुभारंभ किया था. इस अस्पताल का आलम अब ये है कि मात्र 3 माह में ही बिजली का बिल 4 लाख 47 हजार 858 रुपए पहुंच गया है, जिसकी अभी तक भरपाई नहीं की गई है.
बिजली बिल का अब तक नहीं भुगतान
हालांकि ये अलग बात है कि अस्पताल (hospital) में अब तक एक भी मरीज (Patient) का इलाज (Treatment) नहीं किया गया है. ये अस्पताल अब सफेद हाथी साबित हो रहा है. मई से जुलाई तक महीने में अस्पताल में 4 लाख से ज्यादा की बिजली जल चुकी है, जिसका अब तक विद्युत कंपनी (Department of Energy Madhya Pradesh) को भुगतान नहीं किया गया है.
महीने में साढ़े 4 लाख पहुंच गया बिजली का बिल
बीना (Bina) में बनाये गए कोविड-19 अस्पताल के लिए बिजली कंपनी से चार सर्विस कनेक्शन लिए गए थे. मई माह में चालू हुए इन कनेक्शन की खपत इतनी अधिक है कि मात्र 3 माह में ही बिजली का बिल 4 लाख 47 हजार 858 रुपए पहुंच गया है. अभी अगस्त और सितंबर का बिजली बिल इसमें जोड़ा नहीं गया है. इन चार कनेक्शनों का बिजली बिल अभी तक भरा नहीं गया है. लगातार बढ़ रहे बिजली के बिल को देखते हुए विद्युत कंपनी (Department of Energy Madhya Pradesh)) के कार्यपालन यंत्री ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर बिजली बिल भरपाई किये जाने का निवेदन किया है.
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जल्द भरा जाएगा बिजली का बिल
इस मामले में जिला कलेक्टर दीपक आर्य का कहना है कि कोविड अस्पताल के प्रबंधन के लिए कई एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीना रिफाइनरी के अलावा स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है. बिजली, पानी को लेकर बीना एसडीएम और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए हैं.