सागर। शहरों के व्यस्ततम मार्ग और हाईवे पर होने वाले सड़क हादसों की वजह सड़क किनारे गड्ढे बने होते हैं. शहरों में होने वाले विकास कार्यों के दौरान होने वाली लापरवाही भी इन हादसों की वजह बनती है. खास तौर पर सड़कों के निर्माण में पाइप लाइन बिछाने जैसे कामों के कारण इस तरह के गड्ढे बन जाते हैं, जो सड़क हादसों का सबब बनते हैं. इसी तरह शहर और शहर के आसपास से गुजरने वाले नेशनल हाईवे आमतौर ऊंचाई पर बनाए जाते हैं कि सड़क के दोनों और गड्ढे और खाईयां बन जाती है.
इन हादसों को रोकने के लिए सुरक्षा के प्रबंध के तौर पर बैरिकेडिंग और संकेतक लगाने का काम किया जा सकता है. इस तरह की घटनाओं में पुलिस की लापरवाही ज्यादा मानी जाती है. खास तौर पर निर्माण और रखरखाव करने वाली एजेंसी इसकी सबसे बड़ी वजह होती है. इस तरह की लापरवाही को लेकर जिम्मेदार विभागों को रवैया एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालने का है.
निर्माण कार्य के दौरान की लापरवाही
सागर शहर देश के उन सौ शहरों में शामिल है. जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का शहर यानि की स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है. पानी के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है. सौंदर्यीकरण के कई तरह के काम हो रहे हैं. इस वक्त शहर में चारों तरफ निर्माण कार्य का सिलसिला जारी है. खास तौर पर सड़कों को चौड़ा करने और पहले से बेहतर बनाने के काम चल रहे हे. निर्माण कार्य के दौरान निर्माण एजेंसी कई तरह की लापरवाही कर रही है. जो वाहन चालकों और पैदल चलने वालों तक के लिए जानलेवा साबित हो रही है.
हादसों से बचने के लिए किस तरह के उपाय किए जा सकते हैं
इस तरह के हादसों से बचने के लिए सड़क निर्माण या दूसरे कामकाज के दौरान और उसके बाद सुरक्षा के उपाय किए जा सकते हैं. कामकाज के दौरान बैरिकेडिंग और संकेतक लगाकर वाहन चालकों और सड़क पर चलने वालों को सतर्क किया जा सकता है. आमतौर पर निर्माण एजेंसी आवश्यक सुरक्षा के उपाय के तौर पर डायवर्सन, बोरिया लगाना और बैनर लगाकर लोगों को जानकारी सतर्क करने की कोशिश करती है. ज्यादातर लापरवाही काम खत्म होने के बाद की जाती है, जब इन जगहों पर सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाते हैं.