सागर। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान विभाग ने दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर का आयोजन किया. जिसमें देशभर के 22 वैद्यों ने शिविर के माध्यम से कई मरीजों की नब्ज देखकर बीमारी का पता कर देशी तरीके से उपाय बताए. शिविर में आए मरीज भी वैद्यों के इलाज के तरीके देखकर अचंभित हो गए. इस शिविर का लाभ लेने बड़ी संख्या मे स्थानीय लोग शिविर मे पहुंचे थे.
नाड़ी वैद्य शिविर में आए देशभर के 22 वैद्य, नब्ज देखकर किया मरीजों का इलाज
सागर के केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मानव विज्ञान विभाग के दो दिवसीय नाड़ी वैद्य शिविर में देशभर के 22 वैद्यों ने मरीजों की नब्ज देखकर इलाज किया.
विश्वविद्यालय के स्वदेशी अनुसंधान केंद्र के प्रभारी ने बताया कि शिविर में अलग-अलग विषय के विशेषज्ञों के वैद्य आए है. सभी वैद्य नाड़ी देखकर ही मर्ज और उसकी दवा बता देते हैं. जिनमें एक वैद्य नेत्र से संबंधित मरीजों की आंख में दवा डालकर जाले और सालों से जमे कचरे को साफ करते हैं तो कुछ वैद्य पानी के लोटे शरीर में लगाकर मरीज का इलाज करते हैं. इसके अलावा वैद्य छेनी हथौड़ों से भी दर्द का निवारण करते हैं.
शिविर में ऐसे भी वैद्य आए हैं जो हस्त रेखाओं को देखने के बाद मरीज का इलाज करते हैं. बांझपन विशेषज्ञ के मुताबित देशी जड़ी बूटियों का प्रभाव अंग्रेजी दवाइयों से ज्यादा असरदार होती हैं. जड़ी बूटियां बीमारी को जड़ से समाप्त करने मे कारागार सबित होती है.