रीवा। जिले के त्योंथर जनपद पंचायत क्षेत्र के अमिलहवा गांव में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं, लेकिन प्रशासनिक अमला इन ग्रामीणों की सुध लेने को भी तैयार नहीं है. कोरोना काल में स्थानीय रहवासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है. इनकी सुध लेने न तो कोई जनप्रतिनिधि आया और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी.
कोरोना वायरस नहीं भूख-गरीबी से लड़ रहे यहां के ग्रामीण, कोई नहीं ले रहा सुध - villagers struggling for bread
पूरा देश इस समय कोरोना वायरस से लड़ रहा है, जबकि त्योंथर जनपद पंचायत क्षेत्र के अमिलहवा गांव के लोग भूख-गरीबी और अव्यवस्था से लड़ रहे हैं, कोई इनकी सुध लेने वाला भी नहीं है.
भूख-गरीबी से लड़ते ग्रामीण
गांव के लोगों को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल रहा है, गांव के लोगों का नाम राशन कार्ड में नहीं जोड़ गया है और न ही इन्हें राशन दिया जा रहा है. ग्रामीणों के पास न तो रहने के लिए घर है और न ही शौचालय की सुविधा. इस गांव में आज तक बिजला भी नहीं पहुंची है, साथ ही अन्य कई सुविधाएं नहीं हैं, कोरोना संकट के समय ये ग्रामीण मास्क और सैनिटाइजर के बिना ही जीवन व्यतीत कर रहे हैं.